पशुपति पारस का दफ्तर क्यों छीना गया? सीएम नीतीश कुमार के मंत्री ने बताई वजह
जदयू प्रदेश मुख्यालय में आयोजित जनसुनवाई के बाद बिहार सरकार के भवन निर्माण मंत्री जयंत राज ने मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा कि सरकारी नियमावली के तहत रालोजपा का कार्यालय आवंटन रद्द किया गया है.
LJP Office: पटना स्थित रामविलास पासवान वाला कार्यालय रलोजपा संरक्षक पशुपति पारस से लेकर लोजपा (रा.) के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान को दे दिया गया है. जिसके बाद से इस मामले को लेकर बयानबाजी का दौरा जारी है. अब इस मामले में बिहार सरकार के भवन निर्माण मंत्री जयंत राज ने जदयू प्रदेश मुख्यालय में आयोजित जनसुनवाई के बाद मीडिया को बताया कि रालोसपा का कार्यालय आवंटन क्यों रद्द किया गया है.
दो वर्षों से बाकी था किराया
मंत्री जयंत राज ने कहा है कि सरकारी नियमावली के तहत यह कार्रवाई हुई है. राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद है. साथ ही उन्होंने बताया कि रालोजपा को आवंटित आवास का किराया बीते दो वर्षों से बाकी था.
पारस की पार्टी पहुंची हाईकोर्ट
इससे पहले रालोसपा ने अपने प्रदेश कार्यालय को लोजपा आर के नाम आवंटित करने के राज्य सरकार के फैसले के खिलाफ पटना हाइकोर्ट में याचिका दायर की है. पार्टी के उपाध्यक्ष अंबिका प्रसाद बिनू की ओर से इस मामले में याचिका दायर की गयी है. मंगलवार को कोर्ट ने इसे स्वीकार भी कर लिया है. पार्टी नेताओं ने कहा कि कोर्ट का जो आदेश होगा, हम लोग मानने के लिए तैयार हैं.
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13 जून को विभाग ने भेजा था नोटिस
13 जून को ही भवन निर्माण विभाग ने नोटिस भेजकर रालोसपा के कार्यालय का आवंटन रद्द कर दिया था. बताया गया था कि पार्टी ने टैक्स का भुगतान नहीं किया है. विभाग ने आधिकारिक तौर पर अधिसूचना जारी कर पार्टी को इसकी जानकारी दे दी थी. रालोसपा को कार्यालय खाली करने के लिए 13 जुलाई तक का समय दिया गया है.