राजस्व विभाग शुरू किया परिमार्जन प्लस पोर्टल
संवाददाता, पटना
विभाग के अनुसार रैयत का नाम या पिता का नाम मूल जमाबंदी से अलग होने पर त्रुटि सुधार मूल जमाबंदी के अनुसार किया जायेगा. पिता का नाम मूल जमाबंदी में अंकित होने पर साक्ष्य के आधार पर अंकित किया जा सकेगा. पता एवं जाति में सुधार अंचल अधिकारी द्वारा दस्तावेजों के सत्यापन के आधार पर किया जायेगा. मूल जमाबंदी में खाता, खेसरा और रकबा अंकित हाेने पर त्रुटि निवारण उसके आधार पर होगा. वहीं मूल जमाबंदी में खाता, खेसरा और रकबा अंकित नहीं होने पर अंचल अधिकारी रैयत द्वारा दिये साक्ष्य के आधार पर त्रुटि सुधार या छूटी हुई विवरणी को दर्ज करेंगे. इसके लिए अंचल अधिकारी भौतिक निरीक्षण और जमीन की मापी भी करवा सकते हैं.
लगान में सुधार की प्रक्रिया लगान की राशि, वर्ष और इससे संबंधित सुधार मूल जमाबंदी पंजी में अंकित अंतिम लगान की विवरणी या रैयत द्वारा दिये लगान रसीद के सत्यापन के बाद किया जायेगा. पहले यह सुविधा उपलब्ध नहीं थी. पहले परिमार्जन में साक्ष्य के आधार पर कुछ भी नया जोड़ने की अनुमति नहीं थी. सिर्फ मूल जमाबंदी में दर्ज विवरणी के आधार पर ही डिजिटाइज्ड जमाबंदी में सुधार किया जाता था. कैसे करेंगे आवेदन आवेदन करने के लिए रैयत सबसे पहले अपने आप को बिहार भूमि पोर्टल biharbhumi.bihar.gov.in पर रजिस्टर कर लॉगिन करेंगे. इसके बाद परिमार्जन मेनू पर क्लिक करेंगे. फिर डिजिटाइज्ड जमाबंदी पर क्लिक कर पुरानी जमाबंदी में सुधार के विकल्प को चुनेंगे. इसके बाद रैयत को अपने नाम, पिता का नाम, पता, खाता, खेसरा, चौहद्दी और लगान में सुधार से संबंधित विकल्प मिलेगा. जितने बदलाव के लिए आवेदन करना है, उन्हें सेलेक्ट करने पर वर्तमान विवरणी स्क्रीन पर दिखने लगेगी. इसके बाद आवेदन को एडिट करने की सुविधा मिलेगी. पूर्ण रूप से भरे हुए विवरण को अंचल अधिकारी को भेजा जा सकेगा. इस आवेदन की जांच हल्का के राजस्व कर्मचारी करेंगे. जांच में आवेदन अधूरा या पर्याप्त साक्ष्य का अभाव पाये जाने पर कारण सहित अंचल अधिकारी के माध्यम से संबंधित रैयत को लौटा दिया जायेगा. आवेदक द्वारा दोबारा सुधार के बाद जमा किए गए आवेदन को फिर से आवेदक को लौटाने का विकल्प अंचल अधिकारी के समक्ष नहीं होगा.क्या कहते हैं मंत्री
राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री डॉ दिलीप कुमार जायसवाल ने कहा कि जमाबंदी को ऑनलाइन करने के दौरान कई प्रकार की गलती हुई थी. कई प्रकार की इंट्री जमाबंदी में दर्ज नहीं थी. इसमें रैयतों की कोई गलती नहीं थी. इसके कारण आम लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ती थी. परिमार्जन प्लस पोर्टल से इन गड़बड़ियों को दूर करने में मदद मिलेगी और आमलोगों को राहत मिलेगी.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है