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बढ़ी महंगाई तो अब बिहार में विधायक फंड की राशि भी बढ़ेगी? राजद MLA के सवाल पर मंत्री ने दे दिया ये जवाब..

बिहार सरकार विधायक फंड की राशि में बढ़ोतरी करेगी या नहीं.योजना एवं विकास मंत्री ने रामबली यादव के उस सवाल के जवाब में मंत्री ने साफ कर दिया. एमएलए ने राशि बढ़ाने की मांग की थी.

मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना के तहत बिहार के हर विधायक को साल में अपने क्षेत्र में तीन करोड़ की योजनाओं की अनुशंसा करने का ही अधिकार है. योजना एवं विकास मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने विधानसभा में बताया कि विधायकों की अनुशंसा के लिए निर्धारित तीन करोड़ की राशि में वृद्धि का अभी राज्य सरकार के पास कोई प्रस्ताव नहीं है.बिहार सरकार विधायक फंड की राशि में बढ़ोतरी नहीं करेगी.

पहले हर MLA-MLC के लिए थे ये प्रावधान 

पहले प्रति विधानमंडल के सदस्य को हर साल दो करोड़ की सीमा तक की योजनाओं की अनुशंसा करने का ही प्रावधान था. राज्य के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के संतुलित क्षेत्रीय विकास, निर्माण सामग्रियों के मूल्य में वृद्धि व क्षेत्रों के विकास में संतुलन बनाये रखने को ध्यान में रखते हुए 2018-19 से प्रत्येक विधानमंडल के सदस्य को प्रति वर्ष तीन करोड़ की सीमा तक योजनाओं की अनुशंसा का प्रावधान किया गया है.

रामबली यादव ने की थी राशि बढ़ाने की मांग

योजना एवं विकास मंत्री शनिवार को विधानसभा में घोसी के विधायक रामबली सिंह यादव के अल्पसूचित प्रश्न का जवाब दे रहे थे. प्रश्नकर्ता का कहना था कि हर विधानसभा क्षेत्र में कम- से- कम 1500 गांव व टोले होते हैं. ऐसे में यह राशि प्रति गांव 20 हजार के आसपास की योजना की अनुशंसा करने का ही अधिकार देती है. महंगाई को देखते हुए तीन करोड़ की राशि और अधिक बढ़ायी जाये.

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जवाब में योजना एवं विकास मंत्री ने बताया…

जवाब में योजना एवं विकास मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास की योजना की राशि का कुछ खास उद्देश्य है. उन्होंने बताया कि विधायक जब अपने क्षेत्र में भ्रमण करते हैं, तो उनको स्थानीय स्तर पर छोटे-मोटे मरम्मत के कार्य जैसे किसी विद्यालय की खिड़की व दरवाजे टूटे होने या इसी प्रकार के अन्य कार्य के लिए विधायक अपनी अनुशंसा कर सकते हैं. इससे विधायक अपने स्तर से ही छोटे- मोटे कार्यों का निष्पादन करा सकते हैं.

प्रोटोकॉल का मंत्री ने किया जिक्र

प्रश्नकर्ता ने पूछा मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना की अनुशंसा के बाद एक माह में कार्य आरंभ होने पर क्या इसे प्रोटोकॉल के उल्लंघन का मामला माना जा सकता है. सरकार का जवाब था कि यह प्रोटोकॉल में नहीं आता है.

POSTED BY: Thakur Shaktilochan

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