मनरेगा: 42.69 लाख में 19633 परिवारों को ही मिला सौ दिन काम

मनरेगा में इस साल अब तक 42 लाख 69 हजार परिवारों को काम मिला है.

By Prabhat Khabar News Desk | January 22, 2025 12:53 AM
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-औसतन एक परिवार को 43 दिन ही मिला काम, बीते वित्तीय वर्ष 45 दिन था – मनरेगा में महिलाओं की भागीदारी 0.57 फीसदी बढ़ी है – 487900 परिवारों को 81 से 99 दिनों तक का काम मिला है मनोज कुमार, पटना मनरेगा में इस साल अब तक 42 लाख 69 हजार परिवारों को काम मिला है. इनमें मात्र 19633 परिवारों को ही सौ दिन काम मिला. बीते वित्तीय वर्ष 2023-24 में 33657 परिवारों को सौ दिन काम मिला था. प्रति परिवारों को सौ में औसतन 43.74 दिन ही काम मिला है. बीते वित्तीय वर्ष 45.77 दिन काम मिला था. प्रति परिवारों को रोजगार देने में दो फीसदी की गिरावट आयी है. वहीं 487900 परिवारों को 81 से 99 दिनों तक का काम मिला है. इस वित्तीय वर्ष मनरेगा में महिलाओं की मामूली भागीदारी बढ़ी है. इस साल अब तक कुल काम में 54.84 फीसदी महिलाओं की भागीदारी रही. बीते वित्तीय वर्ष 54.27 फीसदी महिलाओं ने मनरेगा में काम किया था. इस साल अब तक महिलाओं की भागीदारी 0.57 फीसदी बढ़ी है. अब तक 46.79 लाख लोगों को ही मिला काम मनरेगा से अब तक 46.79 लाख लोगों ने काम किया है. वित्तीय वर्ष 2023-24 में 53.84 लाख व्यक्तियों को मनरेगा से काम मिला था. अभी 7 लाख पांच हजार लोगों को बीते वर्ष की अपेक्षा कम काम मिला है. 31 मार्च तक इस संख्या में अभी इजाफा होना है. मनरेगा में एससी-एसटी वर्ग के लोगों की भी भागीदारी बढ़ी है. अब तक 21.64 फीसदी एससी-एसटी वर्ग के लोगों को मनरेगा से काम मिला है. पिछले वर्ष यह आंकड़ा 20.90 प्रतिशत ही था. कम काम देने के बावजूद बिहार राष्ट्रीय औसत से आगे प्रति परिवारों को सौ दिन में औसतन 43 दिन ही काम देने के बावजूद बिहार राष्ट्रीय औसत से आगे है. बिहार में औसतन प्रति परिवारों को 43.74 दिन काम मिला. प्रति परिवार प्रतिदिन काम देने का राष्ट्रीय औसत 43.56 प्रतिशत है. बिहार में भले मनरेगा में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है, मगर राष्ट्रीय औसत से बिहार पीछे है. राज्य में मनरेगा में महिलाओं की भागीदारी 54.84 फीसदी है. जबकि राष्ट्रीय औसत 57.97 फीसदी है.

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