BPSC 67वीं मुख्य परीक्षा से मॉडरेशन खत्म, अब एक ही परीक्षक जांचेंगे एक प्रश्न के सभी अभ्यर्थियों के उत्तर
बीपीएससी के अध्यक्ष ने यह भी कहा कि अलग अलग प्रश्नों का मूल्यांकन अलग अलग शिक्षकोंं के द्वारा सुविधाजनक ढंग से हो सके इसलिए 68वीं मुख्य परीक्षा के फार्मेट में बीते दिनों परिवर्तन किया गया है.
BPSC 67वीं मुख्य परीक्षा से मॉडरेशन खत्म कर दिया गया है. गुरुवार को बीपीएससी के अध्यक्ष अतुल प्रसाद ने कहा कि अब एक ही परीक्षक एक प्रश्न के सारे अभ्यर्थियों के उत्तर जांचेंगे. साथ ही उन्होंने बताया कि 68वीं मुख्य परीक्षा से बहु वैकल्पिक वस्तुनिष्ट प्रश्नों के पैटर्न पर आधारित वैकल्पिक विषयों की परीक्षा में निगेटिव मार्किंग भी लागू की जा सकती है. 69वीं बीपीएससी पीटी से इ ऑप्शन के खत्म होने की संभावना भी उन्होंने जतायी . वैकल्पिक विषयों को क्वालीफाईंग बनाने के बाद जोड़ गये 300 अंकों के निबंध विषय के बारे में उन्होंने कहा कि इस पत्र में एक से अधिक निबंध पूछे जायेंगे.
परीक्षक बदलने के कारण अब नहीं बदलेंगे प्राप्तांक
अतुल प्रसाद ने बताया कि अब तक अक्सर लोगों को शिकायत रहती थी कि मॉडरेशन के दौरान प्रधान परीक्षक के द्वारा अंकों में की गयी कमी या वृद्धि सही नहीं थी और उनके अंकों में अधिक कमी कर दी गयी या और भी वृद्धि होनी चाहिए थी. इसे देखते हुए अब माॅडरेशन को ही खत्म करने का निर्णय लिया गया है . 67वीं मुख्य परीक्षा से यह लागू भी हो जायेगा . अभ्यर्थियों के प्राप्तांकों में परीक्षक बदलने के कारण कमी या वृद्धि नहीं हो और एकरुपता बनी रहे, इसलिए अब बीपीएससी ने एक विषय के एक प्रश्न के सभी अभ्यर्थियों के द्वारा दिये गये उत्तर को एक ही परीक्षक द्वारा मूल्यांकित करवाने का निर्णय लिया है.
सबसे पहले कॉपियों का किया जायेगा स्कैन
मुख्य परीक्षा के बाद सबसे पहले कॉपियों का स्कैन किया जायेगा क्योंकि कई बार ऐसे भी आरोप लगाये जाते हैं कि खाली कॉपियों में बाद में भी उत्तर लिख दिया जाता है. स्कैनिंग कर रिकॉर्ड रखने से ऐसी आशंका पूरी तरह खत्म हो जायेगी.
ऑन स्क्रीन भी हो सकती मार्किंग
स्कैन काॅपियों को ऑन स्क्रीन मूल्यांकन पर भी विचार चल रहा है. इसमें अलग अलग स्क्रीन पर अलग अलग प्रश्नों को खोलकर विभिन्न परीक्षक उनका एक साथ मूल्यांकन कर सकेंगे. यदि उतनी संख्या में स्क्रीन नहीं उपलब्ध हो सकेंगे तो ऑफ स्क्रीन भी कॉपियों का मूल्यांकन हो सकता है. ऐसे में एक लॉट में पांच कॉपियों को पांच परीक्षकों को एक साथ दे दिया जायेगा और उनसे अलग अलग प्रश्नों का मूल्यांकन कर कॉपी को दूसरे साथी शिक्षक की तरफ बढ़ाते रहने के लिए कहा जायेगा.
मूल्यांकन में सुविधा के लिए ही बदला गया प्रश्नों का फार्मेट
बीपीएससी के अध्यक्ष ने यह भी कहा कि अलग अलग प्रश्नों का मूल्यांकन अलग अलग शिक्षकोंं के द्वारा सुविधाजनक ढंग से हो सके इसलिए 68वीं मुख्य परीक्षा के फार्मेट में बीते दिनों परिवर्तन किया गया है. अब नये फार्मेट में हर विषय के हर पेपर का पहला प्रश्न अनिवार्य है ही अन्य प्रश्नों को एक एक विकल्प के साथ अनिवार्य बना दिया गया है. इससे हर प्रश्न को करना हर अभ्यर्थी के लिए अब जरूरी होगा और उनका उत्तर अलग अलग परीक्षक जांचेंगे. इसप्रकार हर अभ्यर्थी की काॅपी हर परीक्षक के सामने से गुजरेगी.
एक से अधिक पूछे जायेंगे निबंध
वैकल्पिक विषय को क्वालीफाइंग बनाने के बाद उसके स्थान पर जोड़ गये 300 अंकों के निबंध के पत्र में एक से अधिक निबंध दिये जायेंगे. ऐसे विषयों पर निबंध लिखने के लिए कहा जायेगा जो अभ्यर्थियों के सोचने की मौलिक क्षमता की परीक्षा लेगा.
69वीं बीपीएससी से इ ऑप्शन के खत्म होने की संभावना
68वीं बीपीएससी पीटी में इ ऑप्शन बना रहेगा. 69वीं बीपीएससी से इ ऑप्शन के खत्म होने की संभावना बीपीएससी अध्यक्ष ने जतायी . उन्होंने कहा कि इससे पहले आयोग परीक्षा पद्धति में और भी कई बड़े परिवर्तन करेगा जिससे इ ऑप्शन की उपयोगिता अपने आप खत्म हो जायेगी. उसके बाद इसे हटाने पर विचार होगा.
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तीन दिन पहले जारी होगा अंतिम आंसर की
प्रश्न को लेकर किसी तरह का विवाद बचा नहीं रहे इसलिए आयोग अब प्रोविजनल आंसर की पर आपत्ति लेकर तैयार किये गये अंतिम आंसर की को भी रिजल्ट प्रकाशित करने से कम से कम तीन दिन पहले आयोग की वेबसाइट पर डालेगा ताकि किसी को आपत्ति है तो वह उसे आयोग के समक्ष दर्ज करा सके. उसकी आपत्ति पर विचार के लिए आयोग में तीन सदस्यीय कमेटी बनायी जायेगी और उसकी बैठक में विशेषज्ञ भी शामिल किये जायेंगे जो मामले पर विचार कर निर्णय देंगे.