Monkeypox: मंकीपॉक्स को लेकर बिहार में अलर्ट, एयरपोर्टों पर डॉक्टरों की लगाई गई ड्यूटी

Monkeypox: पटना के डीएम डॉक्टर चंद्रशेखर सिंह ने लोगों से मंकीपॉक्स (एमपॉक्स) बीमारी से बचाव के लिए सरकार द्वारा जारी हेल्थ एडवायजरी का पालन करने को कहा है. डीएम ने कहा है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से इस बीमारी को 14 अगस्त 2024 को वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया गया है.

By Ashish Jha | September 3, 2024 12:00 PM

Monkeypox: पटना. कई देशों में मंकी पॉक्स के मरीज मिलने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत में भी संक्रमण की आशंका जताई है. ऐसे में बिहार में भी स्वास्थ्य विभाग इसको लेकर अलर्ट मोड पर है. स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी भी जारी की है. पटना एयरपोर्ट सहित कई जगहों पर हेल्थ डेस्क भी लगाए गए हैं. पटना के डीएम डॉक्टर चंद्रशेखर सिंह ने लोगों से मंकीपॉक्स (एमपॉक्स) बीमारी से बचाव के लिए सरकार द्वारा जारी हेल्थ एडवायजरी का पालन करने को कहा है. डीएम ने कहा है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की ओर से इस बीमारी को 14 अगस्त 2024 को वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया गया है.

एयरपोर्ट पर लगा हेल्थ डेस्क

पटना जिला प्रशासन ने तेजी से फैल रहे डेंगू और मंकीपोंक्स से राजधानी में अन्य राज्यों से आने वाले और जाने वाले लोगों के लिए हेल्थ डेस्क लगाया है. मेडिकल टीम डेंगू सहित मंकीपॉक्स को लेकर जांच दल एक्टिव मोड पर है. यहां चिकित्साकर्मी चेहरे, हाथ-पैर, जननांग आदि पर रैशेस, मुंह, गले, आंख, निजी अंगों पर रैशेस, लिम्फ नोड्स में सूजन, बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में ऐंठन आदि होने पर मरीज को आशंकित रोगी मानते हुए जांच के लिए नमूना लेंगे.
सिविल सर्जन डॉ. मिथिलेश्वर कुमार के निर्देश पर राज्य स्वास्थ्य समिति ने में आय हेल्प यू डेस्क के लिए दो बड़े बैनर बनवाने के साथ ड्यूटी रोस्टर जारी कर दिया है.

विदेश से आने वाले भरें सेल्फ डिक्लेरेशन फार्म

इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम के राज्य सर्वेक्षण पदाधिकारी डा. रणजीत कुमार ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर गत 21 दिन में विदेशों से आने वाले यात्रियों की हिस्ट्री ली जाए व उनसे सेल्फ डिक्लेरेशन फार्म भरवाया जाए. इग्लैंड नेविगेशन अथारिटी गायघाट से मिलकर शिप से आने वाले विदेशी यात्रियों की भी निगरानी की जाए. मंकी पॉक्स के आशंका होने पर रोगियों के नमूने लेकर जांच के लिए एम्स दिल्ली या कोलकाता स्थित नशेनल इंस्टीट्यूट आफ कालरा एंड इंटेरिक डिजीज भेजा जाएगा. संक्रामक रोग अस्पताल (IDH), पटना और एनएमसीएच में एमपॉक्स के संदिग्ध मरीजों के लिए आइसोलेशन वार्ड बनाया जाएगा. राज्य सरकार द्वारा इन संस्थानों के अधीक्षकों को निर्देश दिया गया है कि इस वार्ड में 05 बेड संदिग्ध मरीजों के लिए और 05 बेड मरीजों के लिए रखा जाए.

Also Read: Bihar Land Survey: बिहार में जमीन सर्वे का शेड्यूल जारी, इन दस्तावेजों की पड़ेगी जरुरत

क्या है मंकीपॉक्स

यह दुर्लभ संक्रामक रोग है. चेचक के वैरियोला वायरस के जींस आर्थोंपॉक्स वायरस से संबंधित है. इसका पहला मामला 1958 में बंदरों में पाया गया था, इसलिए इसका नाम मंकीमाक्स पड़ा. यह रोग छोटे जानवरों जैसे चूहे, गिलहरी आदि से इंसानों को होता है. मंकी पॉक्स के लक्षण बुखार, सिर-पीठ में दर्द, मांसपेशियों में ऐंठन, ठंड लगना, कमजोरी-थकावट व लिम्फ नोड्स में सूजन हैं जैसा कि कमोवेश चेचक में होता है. बुखार के 1 से 3 दिनों के बाद चेहरे पर लाल दाने निकलते हैं जो पूरे शरीर में फैलते हुए फफोले में बदल जाते हैं. ये लक्षण 2 से 4 सप्ताह तक रह सकते हैं. इसमें रोगी की मृत्युदर एक से 10 प्रतिशत तक हो सकती है. यह कोरोना की तरह हवा से नहीं फैलता. संक्रमित के निकट संपर्क या उसके इस्तेमाल की चीजों से फैलता है.

Next Article

Exit mobile version