बिहार में मौसम का कहर एक बार फिर जारी है. मानसून से पहले वज्रपात अब प्रदेश में आफत का कारण बन गई है. शुक्रवार को कई अप्रिय घटनाओं ने इसे लेकर एक संकेत भी दिए हैं. दरअसल सूबे में मानसून ने अभी प्रवेश नहीं किया है. प्री मानसून की बारिश ने लोगों को गर्मी से राहत तो दी लेकिन कई जगहों पर ठनका गिरने के कारण शुक्रवार को 7 लोगों की जान चली गयी. वहीं राज्य में अगले 48 घंटों तक वज्रपात की आशंका देखते हुए मौसम विभाग ने लोगों को सचेत भी किया है.
बिहार में पिछले साल मानसून के दौरान कई जगहों पर लगातार वज्रपात की घटनाएं घटी थी. इसकी चपेट में आकर अनेकों लोगों की मौतें हुइ थी. वहीं आलम अब इस साल भी देखने को मिल रहा है. मानसून आने के ठीक पहले ठनका गिरने के कारण लोगों की मौतें शुरू हो चुकी है. फतुहा में सबसे अधिक हताहत देखने को मिला जहां शुक्रवार को चार मौते हुई. वहीं खगड़िया और वैशाली जिला मिलाकर कुल 7 मौतें बिहार में वज्रपात के कारण हुई.
ठनका गिरने से जानमाल की हानि सबसे अधिक किसानों व सड़क किनारे रहने वाले असहायों को ही है. खेतों में काम करने वाले किसान पिछले साल भी इसकी चपेट में आए हैं. वहीं शुक्रवार को फतुहा में जो लोग वज्रपात की चपेट में आए वो स्टेशन के समीप तंबू लगाकर रहने वाले थे. बारिश से खुद को बचाने बरगद की पेड़ के नीचे चला जाना उनके लिए जानलेवा साबित हुआ और ठनका गिरने के कारण चार मौतें वहीं पर हो गई.
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बता दें कि पिछले 24 घंटे में मानसून बिहार की सीमा बागडोगरा के पास कमजोर पड़ा जिसके कारण शुक्रवार को इसने बिहार में दस्तक नहीं दी लेकिन शनिवार को यह सूबे में एंट्री ले सकता है क्योंकि बंगाल की खाड़ी में एक सिस्टम बना है जिसके कारण मानसून ने रफ्तार पकड़ ली है. मौसम मामलों के जानकारों की मानें तो मानसून के प्रसार के साथ वज्रपात के मामले कम होने लगेंगे.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan