Monsoon 2022: आसमान से क्यों गिरती है बिजली? बारिश में ठनका का खतरा कहां रहता है अधिक, जानें बचाव का उपाय

बिहार में मानसून की बारिश के साथ ही वज्रपात की घटना ने कई लोगों की जिंदगी ले ली. बिजली क्यों गिरती है. किन इलाकों में इसका खतरा अधिक है और इससे बचने के क्या उपाय हैं. जानिये वज्रपात के बारे में पूरी जानकारी...

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 25, 2022 3:42 PM

Bihar Weather News: बिहार में भी मानसून (Monsoon 2022) ने दस्तक दे दी है. पिछले कुछ दिनों से अलग-अलग जगहों पर बारिश (Rain) का सिलसिला जारी है. बारिश ने गर्मी से लोगों को राहत तो जरुर दी लेकिन बाढ़ और बिजली गिरने से हताहत होने की घटना ने लोगों की परेशानी को भी बढ़ा दिया है. आए दिन ठनका गिरने की घटना से जानमाल का नुकसान हो रहा है, ऐसी कई घटनाएं सामने आ चुकी है. मौसम विभाग बिजली गिरने की आशंका को देखते हुए अलर्ट भी जारी करता है. जानिये क्यों गिरती है बिजली, बारिश के मौसम में इससे बचने के उपाय भी जानें…

कुछ इलाकों में बारिश अधिक

बिहार समेत देशभर के कई हिस्से ऐसे हैं जहां बारिश तुलनात्मक दृष्टि से अधिक होती है. वहीं भौगोलिक दृष्टि से कुछ इलाके ऐसे भी हैं जहां वज्रपात की घटनाएं भी अक्सर होती है. उदाहरण के लिए सूबे के सुपौल और बांका जिले के कुछ इलाकों को लिया जाए तो यहां बारिश के मौसम में बिजली गिरना आम घटना जैसे है.

वज्रपात होने की सबसे अधिक संभावना कहां होती है?

कुछ ऐसे भौगोलिक क्षेत्र में वज्रपात का अधिक खतरा रहता है. जो इलाका पहाड़ी व मैदानी क्षेत्र है वहां सामान्य तौर पर वज्रपात होने की सबसे अधिक संभावना ऊंचे इलाके जैसे पहाड़ या कोई ऊंचे पेड़ में होती है.

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बारिश के मौसम में क्यों गिरती है बिजली?

वैज्ञानिक की नजरों में आकाशिय बिजली का गिरना स्वाभाविक मौसम चक्र है. बताया जाता है कि जब नम और शुष्क हवा संग बादल टकराते हैं तो बिजली चमकती है और वज्रपात का खतरा बन जाता है. जानकार की मानें तो ऐसे मौसम में थोड़ी सावधानी व सजगता से वज्रपात से खुद को बचाने के साथ जान-माल की की रक्षा की जा सकती है.

अधिक पुष्ट वैज्ञानिक भाषा में ठनका गिरने की वजह को जानें

अधिक पुष्ट वैज्ञानिक भाषा में वज्रपात को समझें तो आकाश में मौजूद बादलों के घर्षण से एक बिजली उत्पन्न होती है जिससे नेगटिव चार्ज उत्पन्न होता है. वहीं पृथ्वी में पहले से पॉजिटिव चार्ज मौजूद होता है. ऐसे में धरती और आकाश के दोनों नेगटिव एवं पॉजिटिव चार्ज एक दूसरे की तरफ आकर्षित होते हैं. जब इन दोनों चार्जों के बीच में कोई कंडक्टर आता है तो इलेक्ट्रिक डिस्चार्ज होता है. लेकिन आसमान में कोई कंडक्टर नहीं होता है तो यही इलेक्ट्रिक डिस्चार्ज ठनका के रूप में धरती पर गिरती है.

वज्रपात से बचने के उपाय

  • वज्रपात संभावनाओं के साथ ही पक्का मकान में प्रवेश कर जाएं .

  • घरों में तरित चालक लगवाएं.

  • बारिश व ब्रजपात के दौरान विद्युत चलित उपकरण बंद रखें.

  • वाहन न चलाएं, टावर, बिजली पोल से दूर रहें, पेड़ के नीचे न जाएं.

  • सघन पेड़ वाले क्षेत्र या जंगल में हैं तो कम लंबे वाले पेड़ के नीचे जाएं.

  • बारिश के मौसम में कतई ही खेती कार्य जैसे हल चलाना, बीज डालना इत्यादि काम में लगे नहीं रहें, अविलंब सुरक्षित स्थान पर चले जाएं.

  • नंगे पैर फर्श या जमीन पर खड़े ना रहें , बादल गर्जन के दौरान मोबाइल व छतरी का प्रयोग न करें.

  • घरों के दरवाजे व खिड़कियों के आसपास न रहें.

Published By: Thakur Shaktilochan

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