Monsoon in Bihar : बिहार में समय से पहले आयेगा मानसून, जानें किस दिन कहां देगा दस्तक
Monsoon in Bihar : भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, इस वर्ष मानसून निर्धारित समय से पहले बिहार में प्रवेश करेगा. पिछले साल 13 जून को मानसून बिहार में प्रवेश किया था.
Monsoon in Bihar : पटना. बिहार में तीव्र गर्मी और लू से जल्द राहत मिलने का अनुमान है. भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, इस वर्ष मानसून निर्धारित समय से पहले राज्य में प्रवेश करेगा. आगामी मानसून सीजन के दौरान, 10 से 12 जून के बीच पूर्णिया के रास्ते बिहार में मानसून आने की संभावना है, जो सामान्यतः आने वाली तिथि से 4 दिन पहले है. साथ ही, इस बार राज्य में सामान्य से अधिक वर्षा होने का भी पूर्वानुमान है. बिहार में प्री मानसून बारिश 22 मई के बाद शुरू होने की बात कही जा रही है. ऐसे में बारिश का मौसम इस साल कुछ अधिक लंबा रहेगा.
पिछले साल 13 जून को आया था मानसून
देश में अन्य राज्यों की तुलना में केरल में मानसून आमतौर पर 1 जून को आता है. इस वर्ष, मानसून निर्धारित समय से एक दिन पहले 31 मई को केरल पहुंचने का अनुमान है. मौसम विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि मानसून आगमन की तिथि में चार दिन का पूर्व-पश्चावर्तन संभावित है. अतः केरल में मानसून का आगमन 28 मई से 3 जून के मध्य होने की संभावना है. मौसम वैज्ञानिकों का मानना है कि यदि केरल में मानसून समय से पहले प्रवेश करता है, तो बिहार में भी पूर्णिया और किशनगंज के रास्ते मानसून समय से पहले ही प्रवेश करेगा. पिछले वर्ष भी 13 जून को पूर्णिया के रास्ते बिहार में मानसून आया था. इसी तर्ज पर इस वर्ष भी 10 से 12 जून के बीच मानसून बिहार पहुंच सकता है.
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तीन से पांच सप्ताह में ला-नीना की स्थिति बनने का अनुमान
बंगाल की खाड़ी के अंडमान सागर और द्वीप समूहों में मानसून आम तौर पर 21 मई को पहुंचता है. हालांकि, इस वर्ष 19 मई को ही वहां मानसून आने का पूर्वानुमान है. मौसम विभाग के अनुसार, अगले तीन से पांच सप्ताह में ला-नीना की स्थिति बनने का अनुमान है. ला-नीना की स्थिति के चलते इस वर्ष सामान्य से अधिक वर्षा होने की संभावना जताई जा रही है. मौसम विभाग के अनुसार जून से सितंबर के दौरान चार महीनों में 106 प्रतिशत सामान्य बारिश होने का अनुमान है. आमतौर पर मानसून सीजन में औसतन 87 सेंटीमीटर वर्षा होती है, लेकिन इस वर्ष 92 सेंटीमीटर के आसपास वर्षा होने की संभावना है. अच्छी बारिश होने से कृषि क्षेत्र को काफी लाभ होगा, जिसका सकारात्मक प्रभाव किसानों की आय पर भी पड़ेगा.