Monsoon मॉनसून राज्यभर में इस वर्ष 36.54 लाख हेक्टेयर में धान की खेती का लक्ष्य निर्धारित है. इसमें कमजोर मॉनसून के कारण पूरे प्रदेश में 40 से 45 प्रतिशत धान के बिचड़े लगे हैं. किसी-किसी जिले में किसी प्रखंड में अधिक बिचड़े लगने से औसतन पचास फीसदी तक बुआई का सरकारी आंकड़ा पहुंचा है. बारिश नहीं होने का सबसे अधिक प्रभाव भागलपुर प्रमंडल में पड़ा है. कृषि विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, सबसे कम धान की रोपनी भागलपुर प्रमंडल में हुई है. भागलपुर प्रमंडल के बांका में मात्र 2.81 तथा भागलपुर में 3.87 फीसदी ही धान के बिचड़े लगे हैं. भागलपुर प्रमंडल में दो ही जिले हैं. भागलपुर और बांका. इन दोनों जिलों को मिलाकर कुल 3.13 प्रतिशत ही धान के बिचड़े लगे हैं. भागलपुर में 4588.567 तथा बांका में 10592. 5 हेक्टेयर में धान के बिचड़े लगाने का लक्ष्य था. इसमें भागलपुर में 177.65 तथा बांका में 297.93 हेक्टेयर में ही धान के बिचड़े गिराये गये हैं.भोजपुर में 50.52 प्रतिशत धान के गिराने का दावा कृषि विभाग का है. यहां अगिआंव प्रखंड में सबसे कम 26.3 प्रतिशत तथा जगदीशपुर प्रखंड में सबसे अधिक 84.9 फीसदी बिचड़े गिराये जा चुके हैं.
इस साल गंभीर सुखाड़ की आशंका
कृषि विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, निजी व सरकारी मौसम एजेंसी से राज्य में भीषण गर्मी और तापमान के संकेत मिल रहे हैं. ला नीना का प्रभाव मौसम पर परिलक्षित नहीं होता है तो सामान्य से कम बारिश की आशंका है. इससे गंभीर सुखाड़ की प्रबल संभावना है. बारिश के अभाव में धान की खेती प्रभावित न हो, इसके लिए कृषि विभाग ने डेढ़ अरब रुपये डीजल अनुदान में देने के लिए रिजर्व कर रखा है.
मक्का व अरहर की खेती का लक्ष्य भी बड़े पैमाने पर
इस साल मक्का का 2.93 लाख हेक्टेयर, अरहर का 0.56 लाख हेक्टेयर, मूंग का 0.17 लाख हेक्टेयर में खेती का लक्ष्य है. बाजरा का 0.15 लाख हेक्टेयर, ज्वार का 0.16 लाख हेक्टेयर, मड़ुआ का 0.29 लाख हेक्टेयर में खेती का लक्ष्य निर्धारित है. अन्य दलहनी फसलों की खेती का लक्ष्य 0.11 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में होगी.