संवाददाता, पटना
बिहार में माॅनसून की इंट्री पर शक्तिशाली पछुआ हवाओं ने ब्रेक लगा दिया है. इसके उलट पुरवैया हवा बेहद कमजोर है. पिछले 10 दिनों से माॅनसून पूर्वोत्तर और पश्चिमी बंगाल में अटका हुआ है. ऐसे में बिहार में प्रवेश के निर्धारित तिथि 10 से 12 जून के बीच मानसून आने की संभावना न के बराबर है. आइएमडी का कहना है कि वर्तमान परिस्थितियों में मानसून के आगे बढ़ने के आसार अभी बेहद कम हैं. हालांकि 15 जून तक उपयुक्त मौसमी दशा बनने की संभावना है. इधर, बिहार नये सिरे से प्रचंड लू की तपिश झेल रहा है. पछुआ की तपिश से विशेष रूप से दक्षिणी, दक्षिणी-मध्य, दक्षिण-पश्चिमी आदि इलाके बेहाल हैं.
जानकारी के मुताबिक वर्ष 2023 में 12 जून को किशनगंज और पूर्णिया सहित आसपास के जिलों में माॅनसून ने दस्तक दे दी थी. पटना में 20 जून और पूरे प्रदेश में उसका विस्तार 25 जून के आसपास ही हो पाया था.
इससे पहले के तीन सालों मसलन वर्ष 2020, 2021 और 2022 में माॅनसून अपने निर्धारित समय पर बिहार में आ गया था. फिलहाल माॅनसून में पिछले साल से आ रही देरी खेती के लिहाज से चिंता का विषय जरूर है. ऐसे में धान की रोपाई करने वाले किसानों के माथे पर सलवटें दिखने लगी हैं.
दरअसल आइएमडी के पूर्वानुमान में साफ कर दिया गया है कि कम से कम अगले चार दिनों में बिहार में लू का प्रवाह जारी रहेगा. माॅनसून को आगे बढ़ाने में लिए बंगाल की खाड़ी से पर्याप्त नमी और गति लेकर चलने वाली पुरवैया अभी मौजूद नहीं है. इसलिए माॅनसून नहीं बढ़ पा रहा है.
बिहार में करीब-करीब समूचे दक्षिणी बिहार में भयंकर लू चली है. 20 से 30 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चली उत्तरी-पछुआ ने समूचे दक्षिण बिहार को प्रभावित किया. पटना में दिन में सड़कों पर सन्नाटा सा पसरा रहा है. राज्य में सबसे अधिक उच्चतम तापमान बक्सर में 46.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ है. इसके और बढ़ोतरी हो सकती है.
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