संवाददाता,पटना प्रदेश के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने कहा है कि राज्य सरकार ने शिक्षा विभाग को प्राथमिकता पर रखा है. यही वजह है कि शिक्षा बजट में निरंतर वृद्धि हो रही है. उदाहरण के लिए वर्ष 2005 से पहले शिक्षा का वार्षिक बजट करीब 25 हजार करोड़ के आस-पास था. अब यह बजट 52 हजार करोड़ हो चुका है. 10 हजार करोड़ रुपये सप्लीमेंट बजट भी लिया गया. इस तरह शिक्षा का बजट 60 हजार करोड़ से अधिक पहुंच चुका है. बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार शिक्षा की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान रख रही है. उन्होंने यह बातें मौलाना अबुल कलाम आजाद की जयंती पर सोमवार को ज्ञान भवन में आयोजित शिक्षा दिवस समारोह में बतौर मुख्य अतिथि कही है. मंत्री सुनील कुमार ने कहा है कि बीपीएससी के जरिये दो लाख शिक्षकों की नियुक्ति की गयी है. इसके अलावा शिक्षकों की और नियुक्तियां जल्दी घोषित की जायेंगी. कहा कि प्राइवेट स्कूलों में राइट टू एजुकेशन के तहत 25 प्रतिशत सीटों पर गरीब वर्ग के बच्चो के नामांकन कराने के लिए कहा गया है. सरकार उन बच्चों की फीस दे रही है. कहा कि कंप्यूटर लिट्रेसी की अब सख्त जरूरत है. सोशल मीडिया के दुष्प्रभावों से बचने की जरूरत है. राज्य के शिक्षक बच्चों की शिक्षा पर ध्यान दें : डॉ एस सिद्धार्थ समारोह के स्वागत भाषण में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ ने कहा कि शिक्षकों की हर सुविधा का ख्याल रखा गया है. टाइमिंग पर ध्यान दिया गया. उन्हें अपना ध्यान बच्चों की अच्छी शिक्षा पर केंद्रित करना चाहिए. यह उनकी बड़ी जवाब देही हे. कहा कि शिक्षा की महत्ता में समय का खास महत्व होता है. बच्चों को समय पर बेहतर शिक्षा समय पर मिलनी चाहिए. अन्यथा उसका नकारात्मक असर उसके जीवन में और समाज पर साफ तौर पर दिखाई देता है. इस दौरान शिक्षा विभाग के सचिव बैद्यनाथ यादव समेत सभी निदेशक और अन्य पदाधिकारी एवं स्कूली बच्चे मौजूद रहे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है