10 हजार से अधिक प्राइवेट स्कूलों में 28 हजार से अधिक हुए आरटीइ में नामांकन
वर्तमान शैक्षणिक सत्र 2024-25 में राज्य के 11 हजार से अधिक प्राइवेट स्कूलों में 28355 नामांकन में हुए हैं. पिछले कुछ साल का यह आंकड़ा सर्वाधिक है
– बड़े शहरों में अपेक्षाकृत कम हुए राइट टू एजुकेशन के नामांकन संवाददाता,पटना वर्तमान शैक्षणिक सत्र 2024-25 में राज्य के 11 हजार से अधिक प्राइवेट स्कूलों में 28355 नामांकन में हुए हैं. पिछले कुछ साल का यह आंकड़ा सर्वाधिक है. सबसे अधिक राइट टू एजुकेशन के तहत शीर्ष पांच जिले मसलन वैशाली में 2272, नालंदा में 1616, जहानाबाद में 1575, बेगूसराय में 1544 और समस्तीपुर में 1291 बच्चों के नामांकन हुए हैं. यह सारे नामांकन कक्षा एक में किये गये हैं. इसके अलावा गया में 1250 और रोहतास में 1084 बच्चों के नामांकन हुए हैं. इसे उल्लेखनीय माना जा सकता है, क्योंकि इससे पहले इतने नामांकन इन जिलो में कभी नहीं हुए थे. आधिकारिक जानकारी के अनुसार अररिया में 692, अरवल में 424, औरंगाबाद में 625, बांका में 800, भागलपुर में 742, भोजपुर में 580, बक्सर में 312, दरभंगा में 509, गोपालगंज में 755, जमुई में 497, कैमूर में 394, कटिहार में 173, खगड़िया में 634, किशनगंज में 211, लखीसराय में 337, मधेपुरा में 726, मधुबनी में 669, मुंगेर में 568, मुजफ्फरपुर में 361, नवादा में 766, पश्चिम चंपारण में 562, पटना में 890, पूर्वी चंपारण में 233, पूर्णिया में 320, सहरसा में 707, सारण में 755, शेखपुरा में 118, शिवहर में 517, सीतामढ़ी में 977, सीवान में 991 और सुपौल में 878 बच्चों के नामांकन राइट टू एजुकेशन के तहत हुए हैं. यह आंकड़े बताते हैं कि बड़े शहरों मसलन पटना, दरभंगा, मुजफ्फरपुर और भागलपुर जैसे जिलों में राइट टू एजुकेशन के तहत बेहद कम नामांकन हुए हैं. इससे यह बात साफ है कि इस बार छोटे शहरों में राइट टू एजुकेशन के तहत अधिक नामांकन हुए हैं. इधर, विभाग ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों से कहा है कि कक्षा एक से आठ वीं तक के ऐसे स्कूल, जो अभी तक पंजीकृत नहीं हुए हैं, उन्हें अविलंब बंद कराया जाये.
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