पीपीयू में यूजी के 40 हजार से अधिक सीट अभी भी खाली, पीजी में एडमिशन के लिए मारामारी

पीपीयू में यूजी के 40 हजार से अधिक सीट अभी भी खाली

By Prabhat Khabar News Desk | July 28, 2024 7:31 PM

– पाटलिपुत्र विवि में स्नातक में लगभग 40 हजार सीटें खाली

– पीजी में तीसरे राउंड में लगभग 90 प्रतिशत सीटें फुल

संवाददाता, पटना :

पाटलिपुत्र यूनिवर्सिटी (पीपीयू) में स्नातक सीबीसीएस के तहत प्रथम सेमेस्टर में एडमिशन के लिए काफी सीटें खाली रह गयी हैं. पटना एवं नालंदा जिलों में स्थापित अंगीभूत एवं संबद्ध महाविद्यालयों में एक लाख 30 हजार से अधिक सीटों पर इसके माध्यम से नामांकन हुआ है. अब तक चार चरण एवं स्पॉट राउंड के बाद भी करीब 40 हजार सीटें खाली रह गयी हैं. इसमें सबसे अधिक संबद्ध महाविद्यालयों में सीटें खाली रह गयी हैं. ऐसे में छात्रों के साथ-साथ विभिन्न कॉलेजों की ओर से भी नामांकन के लिए पोर्टल खोलने की डिमांड विश्वविद्यालय प्रशासन से की गयी है. विवि प्रशासन में खाली सीटों को ध्यान में रखते हुए जल्द ही एक-दो दिनों में स्पॉट राउंड के तहत यूजी में नामांकन की प्रक्रिया करा सकती है. बताया जाता है कि पीपीयू में स्नातक प्रथम सेमेस्टर में कक्षाएं भी आरंभ हो चुकी हैं. अगले महीने में रजिस्ट्रेशन के साथ मीड सेम परीक्षा आयोजित करने की कवायद की जा रही है.

यूजी के मुकाबले पीजी में कम हैं सीटें

पीपीयू में स्नातक में एक लाख 30 हजार सीटें निर्धारित हैं, जबकि पीजी में लगभग 11 हजार सीटें निर्धारित हैं. इसके लिए 33 हजार से अधिक आवेदन प्राप्त हुए हैं. पीपीयू में तीसरे राउंड के तहत अब तक लगभग आठ हजार से अधिक नामांकन हो चुके हैं. इसमें सबसे अधिक पटना के शहरी कॉलेजों में 95 प्रतिशत तक नामांकन हो चुके हैं. तीसरे राउंड के बाद पीपीयू की ओर से ऑन स्पॉट राउंड का आयोजन होगा. इसमें कॉलेज व पीजी विभागों में खाली सीटों पर नामांकन होगा.

साइंस में कम हो रहे नामांकन:

पीपीयू के आंकड़ों पर ध्यान दें तो लगभग 88 हजार सीटों पर स्नातक में नामांकन हुए है. इसमें सबसे अधिक कला संकाय के विषयों में नामांकन हुए हैं. इतिहास, मनोविज्ञान, भूगोल, राजनीतिक शास्त्र में नामांकन में मारामारी की स्थिति रही. साइंस व कॉमर्स विषयों में छात्रों का रूझान कम देखा गया. छात्र कल्याण संकायध्यक्ष प्रो एके नाग ने बताया कि साइंस में कला विषयों के अपेक्षा कम नामांकन हुए है. स्नातक के अपेक्षा पीजी में सीटें कम होने के कारण भी पीजी में नामांकन के लिए परेशानी है.

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