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कैंपस : अच्छे ब्रांच की चाहत में एडमिशन की रफ्तार धीमी, सेकेंड राउंड में सबसे अधिक स्टूडेंट्स ने फ्लॉट ऑप्शन का किया चुनाव

श की आइआइटी, एनआइटी समेत 121 संस्थानों की 59 हजार 917 सीटों के लिए जोसा काउंसेलिंग का दूसरा दौर एक जुलाई को समाप्त हो गया.

-आइआइटी पटना और एनआइटी पटना में सबसे ज्यादा स्टूडेंट्स ने स्लाइड का ऑप्शन चुना व अन्य ने किया फ्लॉटसंवाददाता, पटना

देश की आइआइटी, एनआइटी समेत 121 संस्थानों की 59 हजार 917 सीटों के लिए जोसा काउंसेलिंग का दूसरा दौर एक जुलाई को समाप्त हो गया. बुधवार को आयी क्वेरी का रिस्पॉन्स देने का भी समय समाप्त हो गया है. दूसरे राउंड में आवंटित संस्थान में भी एडमिशन की प्रक्रिया काफी धीमी रही. आइआइटी में भी एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट्स चौथे राउंड के इंतजार में हैं. अधिकतर स्टूडेंट्स फ्लॉट का ऑप्शन चुन रहे हैं. फ्लॉट का ऑप्शन चुनने के बाद दूसरे कॉलेज और दूसरी ब्रांच में भी जा सकते हैं. लेकिन उम्मीदवार को पहले आवंटित सीट को स्वीकार करना होता है. लेकिन बाद के राउंड में उच्च प्राथमिकता वाले विकल्पों पर विचार करने के लिए तैयार रहते हैं. यही कारण है कि आइआइटी पटना (817 सीटें) में सेकेंड राउंड में लगभग 800 स्टूडेंट्स को सीटें आवंटित हुई थीं, जिनमें से सेकेंड राउंड में 70 से अधिक स्टूडेंट्स ने फ्रीज व सिर्फ 155 स्टूडेंट्स ने स्लाइड का ऑप्शन चुना है. एनआइटी में भी एडमिशन की रफ्तार कम है. स्टूडेंट्स थर्ड राउंड के इंतजार में हैं. इस बीच छात्रों द्वारा अपलोड किये गये दस्तावेजों में कमी पाये जाने पर आयी क्वेरी का रिस्पॉन्स देने का समय तीन जुलाई शाम पांच बजे तक था, जो समाप्त हो गया. रिस्पॉन्स नहीं देने पर छात्रों को आवंटित सीट निरस्त कर दी जायेगी., जबकि तीसरे राउंड का सीट आवंटन चार जुलाई शाम पांच बजे जारी किया जायेगा.

इस साल सीएस से संबंधित ब्रांच का भी रहा क्रेज

इस वर्ष छात्रों में कंप्यूटर साइंस ब्रांच के साथ-साथ एमएनसी (मैथमेटिक्स एंड कंप्यूटिंग), एआइ (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस), डेटा साइंस और इंजीनियरिंग एंड कंप्यूटेशनल मेकैनिक्स ब्रांच का भी बड़ा क्रेज देखने को मिला है. दूसरे दौर के सीट आवंटन के बाद जारी किये आंकड़ों में सामने आया कि इस वर्ष छात्रों ने अन्य कोर ब्रांच को छोड़कर सीएस के साथ-साथ एआइ, डेटा साइंस और इंजीनियरिंग एंड कंप्यूटेशनल मेकैनिक्स ब्रांच को प्राथमिकता में चुना और इन ब्रांचों का क्लोजिंग रैंक भी कंप्यूटर साइंस की तरह ही कम एआइआर (ऑल इंडिया रैंक) पर रहा.

यहां जानें फ्रीज, फ्लॉट और स्लाइड का मतलब

फ्रीज : उम्मीदवार आवंटित सीट से संतुष्ट हैं और आगे की सीट आवंटन राउंड में भाग नहीं लेना चाहते हैं.

फ्लॉट : दूसरे कॉलेज और दूसरी ब्रांच में भी जा सकते हैं. लेकिन पहले उम्मीदवार को आवंटित सीट स्वीकार करना होता है. लेकिन बाद के राउंड में उच्च प्राथमिकता वाले विकल्पों पर विचार करने के लिए तैयार हैं.स्लाइड : उम्मीदवार वर्तमान सीट स्वीकार करते हैं, लेकिन बाद के दौर में उपलब्ध होने पर उसी संस्थान के भीतर एक उच्च-वरीयता प्राप्त शैक्षणिक कार्यक्रम में स्विच करने के इच्छुक हैं.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

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