पटना. स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय व विस अध्यक्ष नंदकिशोर यादव ने शनिवार को सरकारी स्वास्थ्य संस्थाओं में संस्थागत प्रसव कराने वाली महिलाओं के लिए जननी एवं बाल स्वास्थ्य को लेकर जच्चा-बच्चा किट का लोकार्पण व वितरण किया. जच्चा-बच्चा किट में प्रसूता माताओं के लिए 11 प्रकार की और नवजात शिशु के लिए भी चार दवाएं दी जा रही है. साथ ही कांफेड (सुधा) के माध्यम से पोषक सामग्री जच्चा-बच्चा किट के जरिए प्रसूता को दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि गुरु गोविंद सिंह सदर अस्पताल से शुरू जच्चा-बच्चा किट को कुछ दिनों के बाद राज्य के सभी अस्पतालों में लागू किया जायेगा. राज्यस्तरीय योजना की शुरुआत को लेकर गुरु गोविंद सिंह सदर अस्पताल का चुनाव इसकी ऐतिहासिकता को देखते हुए किया गया है. श्री पांडेय ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग जननी बाल सुरक्षा योजना के तहत महिलाओं को 1400 रुपये की राशि भी दी जा रही है. इस योजना के तहत प्रतिदिन संस्थागत प्रसव कराने वाली महिलाओं को डीबीटी के माध्यम से 20 लाख रुपये प्रतिदिन वितरित किया जा रहा है. अगले एक महीने में क्षमता का विस्तार करते हुए प्रतिदिन 50 लाख रुपया डीबीटी के माध्यम से माताओं को दिया जायेगा. आशा दीदियों को संबोधित करते हुए कहा कि आप घर-घर जाकर महिलाओं को बताएं कि सरकारी संस्थानों में प्रसव कराने में जच्चा- बच्चा किट की क्या उपयोगिता है और इस दौरान किस प्रकार से सरकारी योजनाओं का लाभ मिलता है. सदर अस्पताल सुधार समिति का एक शिष्टमंडल अस्पताल पहुंच स्वास्थ्य मंत्री व विस अध्यक्ष को सम्मानित करते हुए 18 सूत्री मांगों का ज्ञापन सौंपा. मुख्य अतिथि विस अध्यक्ष ने अस्पताल के पीछे बसे मुहल्लों में आने जाने बंद करने पर वैकल्पिक मार्ग रास्ता देने को कहा. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि विभाग के अधिकारियों को आदेश दिया गया है. इन मुहल्लों में जाने का मार्ग सुलभ होगा.
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