कैंपस : आइआइटी व आइआइएम बोधगया मिलकर शुरू करेंगे पाठ्यक्रम, रिसर्च पर भी फोकस
आइआइटी पटना और आइआइएम बोधगया के बीच गुरुवार को एमओयू हुआ. शिक्षा और अनुसंधान में अपनी साझेदारी को मजबूत करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुआ.
संवाददाता, पटना आइआइटी पटना और आइआइएम बोधगया के बीच गुरुवार को एमओयू हुआ. शिक्षा और अनुसंधान में अपनी साझेदारी को मजबूत करने के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर हुआ. समझौता ज्ञापन पर आइआइएम बोधगया की निदेशक डॉ विनीता एस सहाय और आइआइटी पटना के निदेशक डॉ टीएन सिंह ने हस्ताक्षर किया. दोनों संस्थान संयुक्त रूप से दोहरी डिग्री कार्यक्रम शुरू करेगा. तकनीकी और प्रबंधकीय कौशल को मिला कर छात्रों को विशेषज्ञता प्रदान की जायेगी. इसके अलावा दोनों संस्थानों के फैकल्टी सदस्यों के बीच शैक्षणिक, रिसर्च और कंसल्टिंग सहयोग की सुविधा मिलेगी. रिसर्च सुविधाओं को साझा किया जायेगा. संयुक्त रिसर्च प्रयासों को सक्षम करना और रिसर्च क्षमताओं को बढ़ाना भी इसमें शामिल है. अंतरराष्ट्रीय सहयोग भी एमओयू का एक प्रमुख फोकस है, इसके अंतर्गत दोनों संस्थान विनिमय कार्यक्रमों, रिसर्च साझेदारी और प्रकाशनों के लिए अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ ज्वाइंट वेंचर में शामिल होंगे. उद्योग की जरूरतों के अनुरूप एक्जीक्यूटिव शिक्षा कार्यक्रम और प्लेसमेंट गतिविधियों में सहयोगात्मक प्रयास भी इसी समझौते का एक हिस्सा है. यह एमओयू पांच साल के लिए वैध है. जरूरत पड़ने पर इसे बढ़ाया जा सकता है. आइआइएम बोधगया और आइआइटी पटना के बीच यह एमओयू शिक्षा और रिसर्च में उनकी ताकत के संयोजन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा. अपनी-अपनी खूबियों और संसाधनों का लाभ उठाकर दोनों संस्थानों का लक्ष्य शिक्षा, रिसर्च और सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान देना है. इस मौके पर आइआइएम बोधगया की फैकल्टी और आइआइटी पटना के एकेडमिक डीन प्रो एके ठाकुर, डॉ एके वर्मा, डॉ एनके तोमर समेत कई लोग मौजूद थे.