पहाड़ों और जंगली इलाकों के गांव बिजली से होंगे रोशन
बिहार के दुर्गम पहाड़ी एवं जंगली इलाकों में स्थित गांवों में सौर ऊर्जा आधारित प्लांटों से अनियमित बिजली आपूर्ति की बाध्यता खत्म होगी.
पटना. बिहार के दुर्गम पहाड़ी एवं जंगली इलाकों में स्थित गांवों में सौर ऊर्जा आधारित प्लांटों से अनियमित बिजली आपूर्ति की बाध्यता खत्म होगी. ऊर्जा विभाग ने पांच जिलों जमुई, बांका, नवादा, मुंगेर और लखीसराय के पहाड़ी व वन प्रभावित इलाकों को ग्रिड सब स्टेशनों से जोड़ते हुए सामान्य बिजली आपूर्ति की योजना बनायी है. योजना को आरडीएसएस (रिवैम्पड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम) के तहत पूरा किया जायेगा. इसके लिए राज्य सरकार ने करीब 35 करोड़ रुपये की मंजूरी दी है. इससे इन गांवों की सोलर पैनलों पर निर्भरता पूरी तरह खत्म हो जायेगी. चिह्नित इलाकों के गांवों में ग्रिड आधारित बिजली उपलब्ध कराने के उद्देश्य से बिजली कंपनी साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी ने निविदा जारी कर दी है. चयनित एजेंसी को क्षेत्र के सर्वे से लेकर प्लानिंग, डिजाइन, टेस्टिंग, सप्लाइ, इंस्टॉलेशन से लेकर कमीशनिंग तक की पूरी जिम्मेदारी उठानी होगी. इन क्षेत्रों में 11 केवी सहित नये एलटी लाइन लगाये जायेंगे, जिनको नजदीकी ग्रिडों से जोड़ा जायेगा. पुराने डीडीजी यानी डिसेंट्रलाइज्ड डिस्ट्रीब्यूशन जेनरेशन नेटवर्क का इस्तेमाल करते हुए ग्रामीणों को नये कनेक्शन दिये जायेंगे. बिजली कंपनी के मुताबिक वर्तमान में इन इलाकों को डीडीजी नेटवर्क से बिजली दी जा रही है. राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना के तहत डीडीजी नेटवर्क लगाये गये थे, जिनके द्वारा आसपास सौर ऊर्जा सहित अन्य माध्यमों से बिजली का उत्पादन कर आपूर्ति की जा रही थी. इससे इलाके के लोगों को नियमित बिजली आपूर्ति संभव नहीं हो पा रही थी. खासकर रात्रि में बिजली आपूर्ति बड़ी चुनौती बनी थी. अब पुराने नेटवर्क को सीधे ग्रिड व विद्युत सब स्टेशनों से जोड़ दिये जाने पर इन इलाकों में 24 घंटे बिजली आपूर्ति संभव हो सकेगी.
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