पटना हाइकोर्ट में गुरुवार को पटना समेत अन्य हवाइ अड्डों के विकास को लेकर दायर जनहित याचिका पर आंशिक सुनवाई की गई. इस दौरान पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद राजीव प्रताप रुडी ने भी एक अधिवक्ता के तौर पर बहस की. इस दौरान राजीव प्रताप रुडी ने बिहार में एयरपोर्ट से जुड़ी समस्याओं को कोर्ट के सामने रखा.
मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल के समक्ष दायर जनहित याचिका की तरफ से अधिवक्ता के रूप में सांसद राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि 32 विमानपत्तन बिहार में मौजूद हैं. लेकिन विमान सेवा केवल पटना और दरभंगा एयरपोर्ट ही दे पा रहा है. यह भी आकार में छोटा है और साथ ही यहां कई अन्य तकनीकी समस्याएं भी हैं.
पटना एयरपोर्ट पर बड़े विमानों को उतारने के लिए इस विमानपत्तन के हवाई पट्टी को विकसित करने की योजना है. वह भी बड़े विमानों के लिए पूरी तरीके से कारगर साबित नहीं होगा. एक ग्रीन फील्ड एयरपोर्ट की बिहार को सख्त आवश्यकता है. उन्होंने अपनी दलील में कहा कि पटना एयरपोर्ट पर हवाई जहाज की लैंडिंग एक बहुत बड़ी समस्या है. अब इस मामले की अगली सुनवाई पटना हाइकोर्ट में 17 अगस्त को की जायेगी.
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पटना एयरपोर्ट के रनवे की लंबाई सिर्फ 6800 वर्ग फुट
सांसद राजीव प्रताप रुडी ने बताया कि सामान्य तौर पर रनवे की लंबाई नौ हजार वर्ग फुट और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लिए 1200 वर्ग फुट होनी चाहिए, लेकिन पटना एयरपोर्ट के रनवे की लंबाई सिर्फ 6800 वर्ग फुट है. बिहार में पटना के जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के अलावा गया, मुजफ्फरपुर, दरभंगा, भागलपुर, फारबिसगंज, मुंगेर और रक्सौल में एयरपोर्ट हैं, लेकिन इन सभी एयरपोर्ट पर बहुत सारी आधुनिक सुविधाओं व सुरक्षा का अभाव है. पटना हवाई अड्डा बड़े जहाजों की लैंडिंग और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के लायक नहीं है.