पटना समेत राज्य के सभी एयरपोर्ट के निर्माण, विकास, सुरक्षा व नवीनीकरण के लिए दायर लोकहित याचिका पर पटना हाइकोर्ट में बुधवार को भी सुनवाई पूरी नहीं हो सकी. इस मामले पर अब 12 दिसंबर को फिर से सुनवाई की जायेगी. चीफ जस्टिस संजय करोल की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने इस मामले को लेकर राजीव रंजन सिंह व अन्य द्वारा दायर जनहित याचिकाओं पर सुनवाई की.
राजीव प्रताप रूडी ने रखा अपना पक्ष
पूर्व केंद्रीय मंत्री और सांसद राजीव प्रताप रूडी ने इस मामले में कोर्ट में अपना पक्ष प्रस्तुत करते हुए कहा कि बिहार जैसे बड़ी आबादी वाले राज्य में न तो एक अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट है और ना ही ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट है . उन्होंने बताया कि देश के कई बड़े शहरों में अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट हैं, बल्कि छोटे- छोटे शहरों में भी अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट हैं . कई शहरों के एयरपोर्ट में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट की सुविधा उपलब्ध है .
पटना एयरपोर्ट सुरक्षा के लिहाज से सही नहीं
रूडी ने बताया कि पटना का एयरपोर्ट भी सुरक्षा के लिहाज से बहुत सही नहीं है . राजगीर, बिहटा और पुनपुन में एयरपोर्ट के विकल्प के रूप में विचार तो हुआ, लेकिन अंतिम रूप से कोई नतीजा नहीं निकला.
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वकीलों ने रखा सरकार का पक्ष
राज्य सरकार की ओर से पक्ष प्रस्तुत करते हुए एडवोकेट जनरल ललित किशोर ने कहा कि याचिकाकर्ता की यह मांग सही नहीं है कि खास जगह पर ही एयरपोर्ट बने या यात्रा के साधन का कैसे विकास किया जाए. उन्होंने कोर्ट को बताया कि यह नीतिगत निर्णय होता है . जिस पर सरकार विचार कर कार्रवाई करती है. केंद्र सरकार के अधिवक्ता डॉ केएन सिंह ने कोर्ट को बताया कि राज्य में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट हो कि नहीं यह विचार का मुद्दा हो सकता है, लेकिन यात्रा किसी विशेष रूप हो यह विचारणीय नहीं है.