Mucormycosis: कोरोना से ठीक होने के बाद लोगों के आंखो की रोशनी छीन रहा नया इंफेक्शन, जानें कारण और इसके लक्षण
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में एक और चिंता बढ़ाने वाली बात सामने आ रही है. कोरोना को मात देने के बाद लोग फंगल इंफेक्शन ‘म्यूकोरमाइकोसिस’ की वजह से आंखों की रोशनी गंवा दे रहे हैं. गुजरात और दिल्ली में कई मामले सामने आये हैं. सूरत स्थित किरण सुपर मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल के अध्यक्ष माथुर सवानी ने बताया कि कोरोना से तीन हफ्ते पहले ठीक हुए मरीजों में म्यूकोरमाइकोसिस का पता चला है. यह संख्या 50 तक पहुंच गयी है, जबकि 60 और मरीज इसके इलाज का इंतजार कर रहे हैं.’’ वे सभी मरीज पिछले तीन सप्ताह में आये हैं. उन्होंने बताया कि हमारे अस्पताल में सूरत और गुजरात के अन्य इलाकों से ऐसे मरीज आ रहे हैं, जिनमें म्यूकोरमाइकोसिस संक्रमण होने का पता चला है. उनके मुताबिक अब तक सात लोग अपनी आंखों की रोशनी खो चुके हैं.
कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में एक और चिंता बढ़ाने वाली बात सामने आ रही है. कोरोना को मात देने के बाद लोग फंगल इंफेक्शन ‘म्यूकोरमाइकोसिस’ की वजह से आंखों की रोशनी गंवा दे रहे हैं. गुजरात और दिल्ली में कई मामले सामने आये हैं. सूरत स्थित किरण सुपर मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल के अध्यक्ष माथुर सवानी ने बताया कि कोरोना से तीन हफ्ते पहले ठीक हुए मरीजों में म्यूकोरमाइकोसिस का पता चला है. यह संख्या 50 तक पहुंच गयी है, जबकि 60 और मरीज इसके इलाज का इंतजार कर रहे हैं.’’ वे सभी मरीज पिछले तीन सप्ताह में आये हैं. उन्होंने बताया कि हमारे अस्पताल में सूरत और गुजरात के अन्य इलाकों से ऐसे मरीज आ रहे हैं, जिनमें म्यूकोरमाइकोसिस संक्रमण होने का पता चला है. उनके मुताबिक अब तक सात लोग अपनी आंखों की रोशनी खो चुके हैं.
रोज सामने आ रहे म्यूकोरमाइकोसिस के मामले
रेजिडेंट मेडिकल ऑफिसर प्रभारी डॉ केतन नाइक ने बताया कि म्यूकोरमाइकोसिस के बढ़ते मरीजों को देखते हुए सूरत सिविल अस्पताल में उनका इलाज करने के लिए अलग से व्यवस्था की गयी है. अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में आंख-कान-नाक के डॉक्टर देवांग गुप्ता ने बताया, ‘‘यहां हमारे पास रोज पांच से 10 मरीज म्यूकोरमाइकोसिस के आ रहे हैं, खासतौर पर कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के बाद. इन मरीजों की प्राथमिकता के आधार पर जांच की जा रही है और जल्द ऑपरेशन किया जा रहा है. उन्होंने कहा, ‘‘पांच में से एक मरीज आंखों से जुड़ी समस्या लेकर आ रहा है. उनमें से कई अंधेपन का सामना कर रहे हैं.’’
पिछले साल भी म्यूकोरमाइकोसिस से कई लोगों की हुई मौत
दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल के वरिष्ठ इएनटी सर्जन डॉक्टर मनीष मुंजाल ने बताया, ‘हम कोरोना की वजह से होने वाले खतरनाक फंगल इंफेक्शन के कई मामले देख रहे हैं. पिछले दो दिनों में म्यूकोरमाइकोसिस के छह मामले सामने आये हैं. पिछले साल भी इससे कई लोगों की मौत हुई थी, कई लोगों की आंखों की रोशनी चली गयी थी और और कुछ लोगों के नाक और जबड़े की हड्डियां निकालनी पड़ी थीं.
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कोरोना मरीजों में इम्यूनिटी कमजोर, इसलिए ज्यादा खतरा
म्यूकोरमाइकोसिस बीमारी आम तौर पर उन लोगों को तेजी से अपना शिकार बनाती है, जिनमें इम्यूनिटी बहुत कम होती है. कोरोना के दौरान या फिर ठीक हो चुके मरीजों का इम्यून सिस्टम बहुत कमजोर होता है इसलिए वो आसानी से इसकी चपेट में आ जा रहे हैं. खासतौर से कोरोना के जिन मरीजों को डायबिटीज है, शुगर लेवल बढ़ जाने पर उनमें म्यूकोरमाइकोसिस खतरनाक रूप ले सकता है.सर गंगाराम अस्पताल के इएनटी विभाग के चेयरमैन डॉक्टर अजय स्वरूप का कहना है कि कोरोना के इलाज में जरूरत से ज्यादा स्टेरॉयड का इस्तेमाल से भी ये मामले बढ़ रहे हैं. उनका कहना है म्यूकोरमाइकोसिस के ज्यादातर मामले उन मरीजों में देखे जा रहे हैं जो कोरोना से ठीक हो चुके हैं, लेकिन उनमें डायबिटीज, किडनी, हार्ट फेल्योर या फिर कैंसर की बीमारी है.
म्यूकोरमाइकोसिस के ये हैं लक्षण
ब्रेन म्यूकोरमाइकोसिस में चेहरे पर एक तरफ सूजन, सिरदर्द, साइनस की दिक्कत, नाक के ऊपरी हिस्से पर काले घाव, जो जल्दी गंभीर हो जाते हैं और तेज बुखार होता है. फेफड़ों में म्यूकोरमाइकोसिस होने पर खांसी, सीने में दर्द और सांस लेने में दिक्कत होती है. वहीं, स्किन पर ये इंफेक्शन होने से फुंसी या छाले पड़ सकते हैं और इंफेक्शन वाली जगह काली पड़ सकती है. कुछ मरीजों को आंखों में दर्द, धुंधला दिखाई देना, पेट दर्द, उल्टी या मिचली भी महसूस होती है.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan
Disclaimer: हमारी खबरें जनसामान्य के लिए हितकारी हैं. लेकिन दवा या किसी मेडिकल सलाह को डॉक्टर से परामर्श के बाद ही लें.