वीआइपी अध्यक्ष व मंत्री मुकेश सहनी को सरकार में बने रहने को लेकर एनडीए के दो बड़े घटक दल भाजपा और जदयू नेताओं की अलग -अलग प्रतिक्रिया आयी है. जदयू के मंत्री डाॅ अशोक चौधरी, मो जमा खान और मदन सहनी ने मुकेश सहनी के साथ नरमी बरतते हुए सहानुभूति दिखायी है. वहीं, भाजपा के वरिष्ठ नेता और उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने मुकेश सहनी से तत्काल मंत्री पद से इस्तीफा मांगा है.
जदयू के वरिष्ठ नेता और भवन निर्माण मंत्री डाॅ अशोक चौधरी ने कहा कि मुकेश सहनी उभरते हुए नेता है. वह अपने समाज के लिए संघर्ष कर रहे हैं. उनके साथ जो हुआ वह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है. अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री जमा खान ने कहा कि मुकेश सहनी हमारे भाई हैं. कैबिनेट में वह पूरे पांच साल रहेंगे.
समाज कल्याण मंत्री मदन सहनी ने कहा कि वह चाहते हैं कि मुकेश सहनी एनडीए में रहें. वे हमारे समाज के हैं और अत्यंत पिछड़ा वर्ग की राजनीति करते हैं, वह सभी एनडीए के समर्थक हैं. उन्होंने कहा कि हमलोग उनका विरोध क्यों करेंगे. इससे एनडीए मजबूत रहेगा.
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दूसरी ओर, उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने मुकेश सहनी को मंत्री पद से इस्तीफा देने की सलाह दी है. गुरुवार को विधानसभा परिसर में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि नैतिकता अंदर की चीज होती है. मुकेश सहनी को नैतिकता के आधार पर खुद सोचना चाहिए. उन्होंने कहा कि बिहार ही नहीं, देश में अतिपिछड़ों के केवल नरेंद्र मोदी ही नेता हैं. वीआइपी के सभी (तीन) विधायकों की घर वापसी ( भाजपा में शामिल होने के बाद) के बाद बिहार में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी हो गयी है. इस मौके पर भाजपा नेता संजय मयूख भी मौजूद थे.