Bihar Politics: सन ऑफ मल्लाह के नाम से बिहार की सियासत में पहचान रखने वाले वीआईपी पार्टी के मुखिया मुकेश सहनी के सभी विधायकों को उनके ही गठबंधन के साथी भाजपा ने अपने खेमें में शामिल कर लिया है. वीआईपी पार्टी के अब एक भी विधायक विधानसभा में नहीं बचे. लेकिन इस टूट के बाद भी मुकेश सहनी नीतीश कैबिनेट में मंत्री के पद पर बने रहेंगे. उन्होंने इस्तीफा देने से मना किया और भाजपा पर हमला भी बोला. सहनी ने अमित शाह के बारे में भी बात की….
मुकेश सहनी ने गुरुवार को अपने आवास पर प्रेस कांफ्रेंस किया और मीडिया के सामने खुलकर अपनी बात रखी. सहनी ने इस दौरान भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल पर निशाना साधा. उनके लगाये आरोपों और वीआईपी को एनडीए में तब शामिल करने की दलील को गलत बताते हुए कहा कि संजय जायसवाल झूठ बोल रहे हैं. इस क्रम में मुकेश सहनी ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात का जिक्र किया.
मुकेश सहनी ने कहा कि विधानसभा चुनाव के दौरान उनकी मुलाकात गृह मंत्री अमित शाह से हुई थी. ये मुलाकात बंद कमरे में हुई थी और भाजपा के बिहार प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल तब वहां मौजूद नहीं थे. संजय जायसवाल पर तीखा हमला करते हुए कहा कि उनका यह भी सौभाग्य नहीं था कि कान लगाकर भी बाहर से वो दोनों की बातें सुनें. इस मुलाकात में क्या बात हुई थी वो एक तो मैं जानता हूं और दूसरे अमित शाह.
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मुकेश सहनी ने भाजपा के दो नेताओं का जिक्र किया और कहा कि उस दौरान अमित शाह के साथ बातचीत के दौरान क्या रणनीति तय हुई थी वो भाजपा के बस दो नेता थोड़ा-बहुत जानते हैं. उन्होंने भाजपा नेता सह बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय व केंद्र में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय का नाम लिया.
वहीं बीजेपी पर हमला बोलते हुए मुकेश सहनी ने कहा कि उनके विधायकों को तोड़कर संजय जायसवाल जी ने बड़ा काम कर लिया, इसके लिए बधाई देते हैं. सन ऑफ मल्लाह के सहयोग से ही भाजपा चुनाव में बड़ी पार्टी बनी और आगे मुकेश सहनी संघर्ष जारी रखेंगे.
बता दें कि वीआईपी में तोड़ के बाद संजय जायसवाल ने कहा था कि विधानसभा चुनाव में भाजपा-जदयू के बीच 121-122 के अनुपात में सीटों का बंटवारा हुआ था. मगर अचानक से उन्होंने (मुकेश सहनी) ने खुद आकर दरखवास्त की थी कि उनकी पीठ में किसी ने छूरा भोंक दिया है और वे एनडीए में शामिल होना चाहते हैं.
संजय जायसवाल ने कहा कि सबकी सहमति से भाजपा ने समझौते के तहत अपनी कोटे से 11 सीटें वीआइपी को दीं. उस वक्त भाजपा के सभी उम्मीदवार फाइनल हो चुके थे, इसलिए हमने शर्त रखी कि 11 में से आठ सीटों पर भाजपा के ही उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे, जबकि तीन पर वीआइपी अपने उम्मीदवार दे सकती है.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan