राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से गोपालगंज के पूर्व प्रमुख पांच एकड़ में सरकारी नाला को पाटकर उस पर ईख की खेती कर रहे थे. इससे होने वाली कमाई में अंचल के राजस्व कर्मियों की हिस्सेदारी बंधी हुई थी. मुख्यमंत्री के दरबार में सरकारी जमीन पर अतिक्रमण की कई शिकायत पहुंचने से विभाग की जो बदनामी हुई है उससे राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के मंत्री राम सूरत कुमार भी आहत हुए हैं. मंत्री ने अधिकारियों की क्लास लगा दी है.
सीएम के जनता दरबार में आने वाली प्रत्येक शिकायत में अब अधिकारियों को व्यक्तिगत रुचि लेकर उनका समाधान कराना होगा. गोपालगंज के पूर्व प्रमुख मामले में डीसीएलआर को निर्देश दिया है कि वह ईख को अपने संरक्षण में कटवाएंगे़ फसल की नीलामी से होने वाली धनराशि को सरकार के खाते में जमा कर जमीन को अतिक्रमण मुक्त रखेंगे.
सीएम के जनता दरबार में सोमवार को 164 मामले में 100 से अधिक मामले भूमि विवाद के थे. इनमें भी अतिक्रमण, दखल दहानी की शिकायतें ऐसी थीं उनका समाधान अंचल स्तर के अधिकारी कर सकते थे. मंत्री ने प्रमंडलीय आयुक्त दरभंगा मनीष कुमार से कहा कि जून में बहादुरपुर के सीओ का स्थानांतरण, समस्तीपुर के कल्याणपुर अंचल में हो चुका है. दरभंगा के डीएम एमएस त्यागराजन ने सीओ को विरमित नहीं किया है. कमिश्नर से कहा कि वे डीएम को निर्देश दें कि जिन राजस्व कर्मियों का स्थानांतरण हो चुका है उनको विरमित करें.
मंत्री ने हाजीपुर, सीतामढ़ी, हिलसा, भागलपुर, नवादा, मुजफ्फरपुर, झंझारपुर और बेगूसराय, सोनपुर बेनीपट्टी आदि के अधिकारियों को सीएम के दरबार में शिकायत करने वालों के फोन नंबर नोट कराये. सभी को फोन कर उनकी समस्याओं का निस्तारण करने के निर्देश दिये.
Posted By: Thakur Shaktilochan