Video: ‘डीएम सर आए, रूम बंद किए और जबरन…’ जानिए मुंगेर में महिला DPO की क्यों बिगड़ी तबीयत?

Video: मुंगेर के डीएम जब अचानक आईसीडीएस कार्यालय पहुंचे तो डीपीओ की हालत खराब हो गयी. जानिए क्यों तबीयत इतनी बिगड़ गयी कि हायर सेंटर रेफर करना पड़ गया.

By ThakurShaktilochan Sandilya | January 12, 2025 8:17 AM

बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की संचिका पर हस्ताक्षर को लेकर मुंगेर के जिलाधिकारी व आईसीडीएस डीपीओ के बीच शनिवार को विवाद उस समय गहरा गया, जब जिलाधिकारी अवनीश कुमार सिंह स्वयं आईसीडीएस कार्यालय पहुंच गये. जिलाधिकारी के कड़े रुख के बाद डीपीओ रेखा कुमारी की तबीयत बिगड़ने लगी. एंबुलेंस से उन्हें सदर अस्पताल ले जाया गया. हालांकि बाद में उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए सदर अस्पताल से भी हायर सेंटर रेफर कर दिया गया.

डीएम पर क्या लगाया आरोप?

आईसीडीएस डीपीओ रेखा कुमारी ने जिलाधिकारी पर बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की संचिका पर दबाव बनाकर हस्ताक्षर करने का आरोप लगाते हुए कहा कि शनिवार को डीएम ने मुझे अपने कार्यालय में बुलाया. जब स्वास्थ्य के कारणों से जाने में असमर्थता जतायी, तो डीएम साहब खुद आईसीडीएस कार्यालय आ गये और संचिका पर हस्ताक्षर करने के लिए दबाव बनाया. डीपीओ का कहना था कि उस मामले का कोटेशन भी डीएम साहब खुद ही लिये थे और संचिका पर कोई नंबर भी नहीं था. इसी बीच जब उनकी तबीयत अधिक बिगड़ने लगी, तो डीएम साहब ने ही एंबुलेंस बुलाकर उन्हें अस्पताल भेजवाया.

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हायर सेंटर रेफर हुई डीपीओ

डीपीओ रेखा कुमारी की तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें मुंगेर सदर अस्पताल से हायर सेंटर रेफर कर दिया गया. सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डा. रमन कुमार ने बताया कि डीपीओ के ईसीजी रिपोर्ट में कुछ परेशानी दिख रही थी. उनका बीपी हाई था. साथ ही वह लगातार उल्टी करते हुए सिर में तेज दर्द की शिकायत बता रही थी. इसे लेकर उन्हें हायर सेंटर रेफर कर दिया गया.

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डीपीओ रेखा कुमारी

कहते हैं जिलाधिकारी

जिलाधिकारी अवनीश कुमार सिंह ने कहा कि डीपीओ रेखा कुमारी आईसीडीसी की योजनाओं में आयी राशि को खर्च नहीं कर रही थी. इस वित्तीय वर्ष में अब महज लगभग ढाई माह बचे हैं. इसी बात को लेकर जब उनसे जवाब-तलब किया गया, तो वह नर्वस होने लगी. वे पूर्व से बीपी की पेंसेंट हैं. डीपीओ द्वारा टूर प्रोग्राम भी नहीं बनाया गया था. इसी बात को लेकर उनसे पूछताछ की गयी थी. संचिका पर दबाव बनाकर हस्ताक्षर की बात पूरी तरह बेबुनियाद है. तबीयत बिगड़ने पर मैंने खुद ही एंबुलेंस बुलाकर उन्हें अस्पताल भेजवाया.

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