बिहार नगर निकाय चुनाव : अभ्यर्थियों पर चल रहे आपराधिक मुकदमों का होगा स्पीडी ट्रायल
नगर निकाय चुनाव गाइडलाइन के मुताबिक निर्वाची पदाधिकारी का दायित्व होगा कि जिस भी अभ्यर्थी, प्रस्तावक या समर्थक ने शपथ-पत्र में अपने विरुद्ध लंबित आपराधिक मुकदमों की सूचना दी है, उनके नामांकन की कॉपी अगले दिन अलग से जिलाधिकारी को भेजें.
पटना. नगरपालिका चुनाव में अभ्यर्थियों के द्वारा नामांकन में शपथ पत्र के माध्यम से दिये जाने वाले लंबित आपराधिक मामलों का स्पीडी ट्रायल कराया जायेगा. इसके लिए निर्वाची पदाधिकारी ऐसे तमाम अभ्यर्थियों की अलग से सूची तैयार कर जिला निर्वाचन पदाधिकारी (नगरपालिका) सह जिला दंडाधिकारी को भेजेंगे. इसको लेकर राज्य निर्वाचन आयोग ने गाइडलाइन जारी किया है.
आपराधिक मुकदमों का स्पीडी ट्रायल
गाइडलाइन के मुताबिक निर्वाची पदाधिकारी का दायित्व होगा कि जिस भी अभ्यर्थी, प्रस्तावक या समर्थक ने शपथ-पत्र में अपने विरुद्ध लंबित आपराधिक मुकदमों की सूचना दी है, उनके नामांकन की कॉपी अगले दिन अलग से जिलाधिकारी को भेजें. जिलाधिकारी ऐसे नामांकन पत्रों की एक अलग फाइल तैयार करायेंगे और उसी दिन इसे जिले के पुलिस अधीक्षक और आयोग को भेजेंगे. पुलिस अधीक्षक का दायित्व होगा कि अविलंब ऐसे अभ्यर्थियों पर चल रहे लंबित आपराधिक मुकदमों का स्पीडी ट्रायल द्वारा उनके अंतिम निष्कर्ष तक पहुंचाने की ठोस व्यवस्था करेंगे. साथ ही की गयी कार्रवाई से आयोग को भी अवगत करायेंगे.
आयोग की वेबसाइट पर भी किया जायेगा प्रकाशित
आयोग अपने स्तर पर ऐसे नामांकन पत्रों को अलग से जिलावार मेंटेन करेगा. साथ ही इन आपराधिक मुकदमों को अंतिम निष्कर्ष पर पहुंचाने के लिए संबंधित डीएम-एसपी से लगातार संपर्क बनाये रखेगा. इन मुकदमों की सूची आयोग की वेबसाइट पर भी प्रकाशित की जायेगी.
छह माह से ज्यादा समय से फरार नहीं बन सकते अभ्यर्थी
आयोग ने कहा है कि जिन व्यक्तियों के नाम वारंट निर्गत है और छह माह से ज्यादा समय से फरार हैं, वे अभ्यर्थी, प्रस्तावक या समर्थक नहीं बन सकते. लेकिन, जिन मामलों में वारंट निर्गत होने की अवधि छह माह से कम है, वैसे अभ्यर्थी आत्मसमर्पण के बाद नामांकन पत्र दाखिल करने के अधिकारी बन सकते हैं.
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निर्वाची पदाधिकारी संबंधित नगरपालिका क्षेत्र के सभी वारंटी व्यक्तियों की सूची थाना प्रभारी से प्राप्त कर अपने पास रखेंगे तथा इस सूची को आयोग की वेबसाइट पर भी अपलोड करेंगे. नामांकन की अवधि में एक स्थानीय पुलिस अधिकारी भी नामांकन स्थल पर मौजूद रहेगा, ताकि ऐसे वारंटी व्यक्तियों के उपस्थित होने पर कार्रवाई की जा सके.