नगर निकाय चुनाव में तीन रंगों का होगा बैलेट पेपर, चुनाव आयोग ने जारी किया निर्देश
नगर निकाय चुनाव में बैलेट पेपर को इवीएम में लगा कर मतदान कराया जायेगा. इससे न तो मतदानकर्मियों को और न ही मतदाताओं को मेयर, डिप्टी मेयर और वार्ड काउंसलर के प्रत्याशी की इवीएम की पहचान करने में भ्रम होगी.
बिहार में होने वाले नगर निकाय चुनाव 2022 को लेकर बैलेट के रंगों का निर्धारण कर दिया गया है. राज्य निर्वाचन आयोग ने तीन पदों के लिए तीन अलग-अलग बैलेट पेपर का रंग निर्धारित किया है. इसमें वार्ड पार्षद के लिए सफेद रंग, उप मुख्य पार्षद के लिए स्काइ ब्लू और मुख्य पार्षद के लिए पीले रंग का कागज होगा.
बैलेट पेपर को इवीएम में लगा कर मतदान कराया जायेगा
इन बैलेट पेपर को इवीएम में लगा कर मतदान कराया जायेगा. इससे न तो मतदानकर्मियों को और न ही मतदाताओं को मेयर, डिप्टी मेयर और वार्ड काउंसलर के प्रत्याशी की इवीएम की पहचान करने में भ्रम होगी. आयोग द्वारा सभी जिलों के बताया गया है कि इवीएम के बैलेट पेपर की प्रिंटिंग तीन रंगों में होगी. इसमें वार्ड पार्षद के प्रत्याशियों के लिए सफेद कागज पर काला रंग से प्रत्याशी का नाम और चुनाव चिह्न अंकित किया जायेगा.
उपमुख्य पार्षद का बैलेट पेपर स्काइ ब्लू होगा
उपमुख्य पार्षद के बैलेट पेपर स्काइ ब्लू होगा जिस पर काला से प्रत्याशी का नाम और चुनाव चिह्न अंकित किया जायेगा. मुख्य पार्षद का बैलेट पेपर का रंग पीला होगा जिस पर काले रंग से प्रत्याशी का नाम और चुनाव चिह्न अंकित किया जायेगा. मतदाता, प्रत्याशी और मतदान कर्मियों को हर पद के इवीएम के पहचान में किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी.
पटना में महिला होंगी मेयर
अब डिप्टी मेयर के पद को लेकर भी चर्चा है कि उसे भी आरक्षित किया जा सकता है. पटना नगर निगम क्षेत्र में महापौर का पद इस बार भी पुरुष को नहीं मिल पायेगा. महापौर का चुनाव लड़ने के लिए करीब एक दर्जन पुरुष उम्मीदवार तैयारी कर रहे थे. अब उनका सपना चुनाव से पहले ही टूट गया. पटना नगर निगम क्षेत्र में इस बार महापौर का पद महिलाओं के लिए आरक्षित कर दिया गया है.
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नहीं बदला आरक्षण का रोस्टर
पुरुष उम्मीदवारों को उम्मीद थी कि आरक्षण का रोस्टर इस बार बदलेगा. इसी उम्मीद पर पुरुष प्रत्याशी चुनाव की तैयारी बहुत जोरशोर से कर रहे थे. राज्य निर्वाचन आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि 2 बार के लिए आरक्षण रोस्टर बनाया गया है. पटना नगर निगम क्षेत्र में आरक्षण रोस्टर में बदलाव के बाद सिर्फ एक बार चुनाव हुआ है. ऐसे में इस बार रोस्टर बदलने का कोई विचार नहीं है.