नगरपालिका चुनाव में भले ही ऊहापोह बना हुआ है. आयोग के निर्देश पर प्रशासन चुनाव कराने को तैयारी में है. एसडीओ की ओर से प्रत्याशियों को गाइडलाइन जारी की गयी है. उधर, आयोग ने साफ कर दिया है कि प्रत्याशियों को इंटरनेट मीडिया पर अपने प्रचार के लिए निर्वाची पदाधिकारी (आरओ) से अनुमति लेनी होगी. बगैर अनुमति फेसबुक, ट्वीटर, यू-ट्यूब, इन्स्टाग्राम के साथ स्थानीय चैनल पर चुनाव प्रचार नहीं किया जा सकेगा. अनुमति प्राप्त किये बिना प्रचार की जानकारी मिली, तो वैसी स्थिति में आयोग कठोर कार्रवाई के लिए स्वतंत्र होगा. आयोग जिला मीडिया सेल के जरिये ऐसी गतिविधियों पर नजर रखेगा. राज्य निर्वाचन आयोग ने नगरपालिका चुनाव के प्रत्याशियों के लिए गाइडलाइन जारी कर दी है.
आयोग ने स्पष्ट किया है कि किसी भी प्रत्याशी या उसके समर्थक द्वारा सरकारी कार्यालय भवन या उसकी दीवार पर किसी तरह का पोस्टर, सूचना, किसी तरह का नारा लिखना या किसी प्रकार के झंडे-बैनर लगाना प्रतिबंधित किया गया है. न ही किसी निजी मकान पर संबंधित मालिक की अनुमति बगैर इस प्रकार का कोई प्रदर्शन हो सकेगा. प्रत्याशी बैनर या पोस्टर का प्रकाशन तभी कर सकेंगे, जब उस पर मुद्रक और प्रकाशक का नाम प्रिंट किया गया होगा. आयोग ने स्पष्ट कर दिया है कि नियमों का किसी भी प्रकार से उल्लंघन पर दो हजार रुपये का जुर्माना और छह महीने का कारावास या दोनों एक साथ लगाये जा सकेंगे.
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क्षेत्र भ्रमण के दौरान आब्जर्वर शराब की बिक्री, प्रत्याशियों के मित्र, समर्थक और शुभचिंतकों के चुनावी खर्च पर नजर रखेंगे. इसके अतिरिक्त इनकी जिम्मेदारी पोलिंग और मतगणना टीम के रैंडमाइजेशन करने की भी होगी. इन कार्यों के साथ ही आब्जर्वर क्षेत्र भ्रमण के दौरान नामांकन पत्रों की जांच सही सिंबल आवंटन, अनुसूचित जाति एवं जनजाति के साथ कमजोर वर्ग के मतदाताओं से बातचीत कर उन्हें मतदान के लिए प्रोत्साहित भी करेंगे. बूथ गठन में कहीं प्रकार की त्रुटि या गड़बड़, तो नहीं हुई है यह सुनिश्चित करना भी आब्जर्वर का ही काम होगा.