पटना : प्रवर्तन निदेशालय (इडी) ने मुजफ्फरपुर बालिका गृहकांड के मुख्य आरोपित ब्रजेश ठाकुर के खिलाफ अंतिम जांच रिपोर्ट सौंप दी है. इडी की विशेष अदालत में सौंपे गये इस प्रोसिक्यूसन कंप्लेन (अभियोग शिकायत-पत्र) में ब्रजेश की अब तक जब्त की गयी 8.30 करोड़ की अवैध संपत्ति को अंतिम रूप से जब्त करने के अलावा अधिकतम सात साल की सश्रम कारावास देने का अनुरोध किया गया है.
पीएमएलए के तहत अधिकतम सात साल की ही सजा देने का ही प्रावधान है. इडी पीएमएलए के तहत पहले ही ब्रजेश ठाकुर की अवैध संपत्ति को जब्त कर चुका है. अब इसे पूरी तरह से जब्त कर सरकार के हवाले करने की पहल की जा रही है. ब्रजेश ठाकुर को होने वाली सात साल की यह सजा पहले से उसके खिलाफ चल रहे तमाम आपराधिक मामलों में हुई या होने वाली सजा के अतिरिक्त होगी.
ब्रजेश ठाकुर के मामले में इडी ने जांच में यह पाया है कि उसके एनजीओ सेवा संकल्प एवं विकास समिति और उसकी बहन के नाम पर मौजूद एनजीओ के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया था. बहन के एनजीओ में भी ब्रजेश ठाकुर की हिस्सेदारी है. उसकी जब्त की गयी अवैध संपत्ति में परिवार वालों कुमारी आशा, राहुल आनंद, मनोरमा देवी समेत अन्य के नाम पर भी मौजूद संपत्ति शामिल है.
उसके छोटे बेटे मेहुल आनंद के मेडिकल में नामांकन और सेमेस्टर फीस भी अवैध कमाई से ही दी गयी थी. इस तरह से उसकी अवैध कमाई से जमा या निवेश की गयी तमाम संपत्तियों और पूंजी को जब्त कर लिया गया है. हालांकि, इस मामले में अभी कर्रवाई चल ही रही है. आने वाले समय में उसके परिवारवालों के नाम पर अन्य जितनी भी अवैध संपत्ति बच गयी है, उसे भी जब्त की जायेगी. फिलहाल इसकी जांच चल रही है.
posted by ashish jha