मुजफ्फरपुर का अगवा डेंटल टेक्नीशियन हाजीपुर से बरामद, नशीला पदार्थ खिला कर लूट लिए मोबाइल, एटीएम और पैसे
पुलिस व परिजनों के अनुसार मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल में डेंटल टेक्नीशियन के पद पर वीरेंद्र कर्ण पत्रकारनगर स्थित जोगीपुर स्थित घर पर आ रहे थे. इसके लिए उन्होंने 17 फरवरी की रात नौ बजे मुजफ्फरपुर से पटना के लिए कार बुक किया.
पटना. मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल के अगवा डेंटल टेक्नीशियन वीरेंद्र कर्ण को पत्रकार नगर थाने की पुलिस ने शनिवार की रात हाजीपुर के नगर थाने के मडवा गांव इलाके से बरामद कर लिया. हालांकि पुलिस को वे जब मिले तो वे घायल थे और उनके शरीर पर कई जगह चोट के निशान थे. आंख के पास भी फूला हुआ था और इससे यह स्पष्ट था कि किसी ने उनके साथ काफी मारपीट की है. हालांकि वे पुलिस की पूछताछ में फिलहाल पूरी स्पष्ट जानकारी नहीं दे पाये हैं, लेकिन उन्होंने जो बयान दिया है, उसके अनुसार वे नशाखुरानी गिरोह के चंगुल में पड़ गये थे और उन लोगों ने उनके मोबाइल फोन, पैन कार्ड, एटीएम आदि को मारपीट कर छीन लिया था.
इसके बाद उन्हें हाजीपुर में गाड़ी से उतार कर फरार हो गये थे. इसके बाद वे बेहोश होकर पड़े हुए थे तो स्थानीय लोगों की सूचना पर हाजीपुर पुलिस की निगरानी में थे. पत्रकार नगर थानाध्यक्ष मनोरंजन भारती ने बताया कि उन्हें सकुशल बरामद कर लिया गया है और पटना लाया गया है. उनकी शारीरिक स्थिति सामान्य होने पर विस्तार से पूछताछ की जायेगी. उन्होंने बताया कि वीरेंद्र कर्ण के शरीर में नशे का प्रभाव था. जिसके कारण वे कुछ भी स्पष्ट जानकारी नहीं दे पा रहे हैं.
कार से आ रहे थे पटना, नशाखुरानी गिरोह के चंगुल में पड़े
पुलिस व परिजनों के अनुसार मुजफ्फरपुर सदर अस्पताल में डेंटल टेक्नीशियन के पद पर वीरेंद्र कर्ण पत्रकारनगर स्थित जोगीपुर स्थित घर पर आ रहे थे. इसके लिए उन्होंने 17 फरवरी की रात नौ बजे मुजफ्फरपुर से पटना के लिए कार बुक किया. इसके बाद वहां से निकले. इसके बाद उन्होंने करीब दस बजे अंतिम बार अपनी पत्नी दीपा कर्ण से फोन पर बात की और यह जानकारी दी कि वह 40 मिनट में घर पहुंच जायेंगे.
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नशाखुरानी गिरोह के चंगुल में फंसे
11 बजे रात में और चार बजे सुबह में फोन करने पर उनका मोबाइल की घंटी बजी थी, लेकिन किसी ने फोन रिसीव नहीं किया. वे जब 18 फरवरी को भी नहीं आये तो पत्रकार नगर थाने में उनके गायब होने की सूचना पत्नी ने दी. इसके बाद पटना पुलिस की टीम ने उन्हें मोबाइल फोन के लोकेशन के आधार पर हाजीपुर से बरामद कर लिया. इस मामले में यह स्पष्ट है कि जिस कार को बुक किया गया था, उसका चालक नशाखुरानी गिरोह से मिला हुआ था और उसने ही अपने साथियों की मदद से नशा खिलाने के बाद वीरेंद्र कर्ण के साथ मारपीट की और इसके बाद हाजीपुर में कार से फेंक कर फरार हो गये.