सर, आपकी बेटी तो हमेशा कंपार्टमेंट में आती थी! बिहार में स्कू्ल टीचर की बेटी बनी टॉपर तो छात्रों ने किया ट्रोल

CBSE Class 10th Result 2021: सर, आपकी बेटी तो हमेशा कंपार्टमेंट में आती थी. इस बार आपने किस तरह पढ़ाया कि स्कूल की टॉपर बन गयी. शहर के एक चर्चित स्कूल के शिक्षक से छात्रा ने यह सवाल किया, तो वे निरूत्तर हो गये.

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 6, 2021 7:12 PM

सीबीएसई क्लास 10वीं के रिजल्ट जारी होने के बाद बिहार में लगातार बवाल जारी है. वहीं मुजफ्फरपुर में अब सोशल मीडिया पर एक ऑडियो वायरल हो रहा है. इस ऑडियो में छात्र अपने शिक्षक को बेटी के टॉपर होने पर ट्रोल कर रहा है. सोशल मीडिया पर लोग इस ऑडियो को खूब शेयर कर रहे हैं. बता दें मंगलवार को सीबीएसई ने क्लास 10वीं का रिजल्ट जारी किया था.

वायरल ऑडियो (Viral Audio) में छात्र पूछ रहा है कि सर, आपकी बेटी तो हमेशा कंपार्टमेंट में आती थी. इस बार आपने किस तरह पढ़ाया कि स्कूल की टॉपर बन गयी. शहर के एक चर्चित स्कूल के शिक्षक से छात्रा ने यह सवाल किया, तो वे निरूत्तर हो गये. वहीं, एक छात्र ने भी फोन करके शिक्षक से बेटी के टॉपर बनने का राज पूछा, तो वे नाराज हो गये. छात्र का कहना था कि अपनी बेटी का रिजल्ट खुद शिक्षक ने ही तैयार करके भेजा. इसका ऑडियो बुधवार को खूब वॉयरल हुआ. सीबीएसई रिजल्ट आने के बाद से ही हंगामा मचा हुआ है.

दरअसल, शिक्षक की बेटी ने 10वीं परीक्षा में स्कूल में सर्वाधिक अंक हासिल किया है. छात्रों का आरोप है कि रिजल्ट तैयार करने में पक्षपात किया गया है. कई छात्र-छात्राओं ने शिक्षक को फोन करके दिनभर तंग किया. बातचीत की रिकॉर्डिंग की और वाट्सएप के जरिये वॉयरल कर दिया. सीबीएसइ (CBSE) ने मंगलवार को 10वीं का रिजल्ट जारी किया है. वैसे तो पिछले साल की अपेक्षा चार फीसदी अधिक बच्चे पास हुए हैं, लेकिन प्राप्तांक को लेकर काफी असंतोष है.

बुधवार को कई स्कूलों पर छात्रों व अभिभावकों ने पहुंचकर हंगामा भी किया. शिक्षकों ने उन्हें किसी तरह समझा-बुझाकर शांत कराया. वहीं, एक वीडियो भी वॉयरल हो रहा है, जो शहर के ही एक स्कूल के होने का दावा किया जा रहा है. इसमें 85 फीसदी तक अंक के लिए 25 हजार रुपये की डिमांड की जा रही है.

इधर, इंडियन एसोसिएशन ऑफ स्कूल के अध्यक्ष सह डीएवी बखरी के प्रधानाध्यापक एसके झा व सचिव सह इंद्रप्रस्थ इंटरनेशनल स्कूल के निदेशक सुमन कुमार ने कहा कि 10वीं और 12वीं के रिजल्ट के बाद छात्रों और अभिभावकों में उपजा विद्यालयों के प्रति असंतोष सही नहीं है. उन्हें समझना होगा कि कोई भी विद्यालय यह नहीं चाहता कि उनका विद्यार्थी अच्छा न करें. हर विद्यालय अपने विद्यार्थियों की सफलता पर खुद को गौरवान्वित महसूस करता है, तो किस प्रकार कोई भी विद्यालय अपने ही विद्यार्थियों को खराब अंक दे सकता है.

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