नाबार्ड ने भी कहा, केसीसी लोन देने में बैंक कर रहे आनाकानी
नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक विनय कुमार सिन्हा ने बैंकों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया. कहा-राज्य में 1.61 करोड़ किसान हैं,
संवाददाता,पटना
नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक विनय कुमार सिन्हा ने बैंकों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाया. कहा-राज्य में 1.61 करोड़ किसान हैं, लेकिन 13 लाख किसानों के पास ही ऑपरेशनल केसीसी है.वित्तीय वर्ष 2024-25 में अभी तक 5.50 लाख किसानों ने ही केसीसी से लेनदेन किया है, जबकि केंद्र सरकार ने केसीसी की सीमा तीन से बढ़ाकर पांच लाख कर दी है.राज्य में केसीसी की संख्या लगातार घटती जा रही है.श्री सिन्हा बुधवार को ज्ञान भवन में स्टेट क्रेडिट सेमिनार को संबोधित कर रहे थे.उन्होंने कहा कि बैंकों द्वारा लोन देने में आनाकानी करने का ही नतीजा है राज्य में एनबीएफसी और एमएफआइ लेंडिंग बढ़ रही है. खेती किसानी के लिए बैंकों का ऋण कम हो रहा है और एनबीएफसी और एमएफआइ बढ़ रहा है. इन संस्थानों का खाता भी एनपीए नहीं होता है.यह बैंककर्मियों के लिए सोचने की बात है. नाबार्ड का मुख्य महाप्रबंधक ने कहा कि वर्ष 2025-26 में प्राथमिक क्षेत्र में बैंकों को 2.65 लाख करोड़ ऋण वितरण का लक्ष्य दिया गया है. जो कि वर्ष 2024-25 की तुलना में नौ फीसदी अधिक है.वर्ष 2024-25 में बैंकों को 2.43 लाख करोड़ का लक्ष्य दिया गया था.उन्होंने बैंकों से आग्रह किया कि राज्य की जरूरत को देखते हुए लक्ष्य के अनुसार ऋण दें. बिहार में विकास की जबर्दस्त संभावना है.यह बैंकों के लिए भी बड़ा मौका है.
वर्ष 2025-26 में प्राथमिक क्षेत्रों के लिए ऋण का लक्ष्य
प्राथमिक सेक्टरऋण लक्ष्य करोड़ में
फार्म क्रेडिट 95315.89
कृषि अधिसंरचना8615.96
कृषि से संबंधित अन्य सेक्टर 8710.16
एमएसएमइ119579.18
एक्सपोर्ट लोन671.81
एजुकेशनल लोन 4772.84
हाउसिंग लोन10866.99
रिन्यूवल एनर्जी6349.71
सामाजिक अधिसंरचना1491.50
इनफॉर्मल क्रेडि8590.00
कुल264964
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