दोहरे नामांकन पर कार्रवाई, पटना में सरकारी स्कूलों से काटे गए 9 हजार से अधिक बच्चों के नाम
Patna News: पटना के विभिन्न प्रखंडों के स्कूलों में वैसे विद्यार्थी, जिनका दोहरा नामांकन है, उन पर कार्रवाई करते हुए नामांकन रद्द कर दिया गया है. जिले के 9202 ऐसे विद्यार्थियों को चिह्नित कर कार्रवाई की गई है.
Patna News: पटना के विभिन्न प्रखंडों के स्कूलों में वैसे विद्यार्थी, जिनका दोहरा नामांकन है, उन पर कार्रवाई करते हुए नामांकन रद्द कर दिया गया है. जिले के 9202 ऐसे विद्यार्थियों को चिह्नित किया गया है. जिनका नामांकन सरकारी और निजी दोनों स्कूलों में है. चिह्नित किये गये 9 हजार विद्यार्थियों का नामांकन सरकारी स्कूलों से रद्द कर दिया गया है. राज्य भर में दोहरे नामांकन वाले विद्यार्थियों की संख्या तीन लाख से अधिक है. सत्र 2024-25 में दोहरा नामांकन करवाने वाले विद्यार्थियों का नामांकन रद्द किया गया है.
दोहरे नामांकन से शिक्षा विभाग को लाखों का नुकसान
जिला शिक्षा कार्यालय की ओर से बताया गया कि दोहरे नामांकन होने की वजह से शिक्षा विभाग का लाखों का नुकसान हो रहा था. दरअसल डीबीटी (डायरेक्ट बेनिफिशियल ट्रांसफर) का लाभ लेने के लिए सरकारी के साथ ही निजी स्कूलों में ऐसे बच्चों ने नामांकन करा रखा था. इसके साथ ही राज्य के विभिन्न जिलों में भी दोहरे नामांकन वाले विद्यार्थियों को चिह्नित किया गया है. इन बच्चों के सत्यापन के बाद दोहरे नामांकन कराये हुए बच्चों का नामांकन रद्द करने के साथ ही उनको विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ भी नहीं मिलेगा.
नये सत्र में अपार से बच्चों को किया जायेगा चिह्नित
पटना से दोहरे नामांकन की दर शून्य करने के लिए नये सत्र 2025-26 में नजर रखी जायेगी. विद्यार्थियों की अपार आइडी और आधार के जरिये दोहरे नामांकन कराने वाले विद्यार्थियों को चिह्नित किया जायेगा. इसके साथ ही छात्र-छात्राओं का सत्यापन कर दोहरे नामांकन वाले विद्यार्थियों का नामांकन रद्द किया जायेगा, उन्हें डायरेक्ट बेनिफिट के माध्यम से उपलब्ध कराये जाने वाले लाभ भी बंद रखे जायेंगे.
Also Read: बिहार में इस दिन तक नहीं मिलेगी कड़ाके की ठंड से राहत, इन 20 जिलों शीतलहर का अलर्ट
दोहरे नामांकन वाले सबसे अधिक मधुबनी में बच्चे
राज्य में दोहरे नामांकन वाले बच्चों को संख्या मधुबनी में सबसे अधिक 19 हजार 208 है, जबकि सबसे कम जहानाबाद में दो हजार 914 है. समस्तीपुर में 15 हजार 26 ऐसे बच्चे हैं. जिनका सरकारी और निजी स्कूल दोनों जगह नामांकन है. विभाग को मिली रिपोर्ट को लेकर जांच प्रक्रिया जारी है.