केंद्रीय मंत्रिमंडल में इस बार नये फेरबदल में दो वरिष्ठ नौकरशाहों को जगह मिली है. भाजपा के आरा के सांसद राजकुमार सिंह 1974 बैच के आइएएस अधिकारी रहे हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में वे पहली बार आरा लोकसभा सीट से भाजपा के उम्मीदवार हुए और चुनाव जीत कर केंद्र में राज्य मंत्री बनाये गये.
श्री सिंह 2017 में भी दोबारा चुनाव जीते और राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार के रूप में कार्यरत थे. मिथिलांचल के सुपौल जिले से आने वाले श्री सिंह पटना के डीएम से लेकर राज्य सरकार के महत्वपूर्ण पदों पर कार्य कर चुके हैं. पहली बार उन्हें केंद्र में कैबिनेट मंत्री बनाया गया है. मोदी कैबिनेट में शामिल जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामचंद्र प्रसाद सिंह यूपी कैडर में 1984 बैच के आइएएस अधिकारी हैं. नालंदा जिले के मुस्तफापुर गांव के मूल निवासी आरसीपी सिंह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के उनके रेल मंत्रित्व काल से ही सचिव के रूप में कार्यरत रहे हैं.
2005 से 2010 तक राज्यसभा सदस्य होने तक वे मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव के पद पर रहे. आरसीपी सिंह की पढ़ाइ पटना विवि से स्नातक और जेएनयू से इंटरनेशनल ला की रही है. आरसीपी सिंह पहली बार किसी सरकार में मंत्री बनाये गये हैं. उनका दर्जा कैबिनेट मंत्री का हुआ है.
लोजपा कोटे से कैबिनेट मंत्री बनाये गये पशुपति कुमार पारस खगड़िया जिले के शहरबन्नी गांव के मूल निवासी हैं. उनकी शैक्षणिक योग्यता बीए और बीएड रही है. शुरूआती दिनों में वे स्कूली शिक्षक रहे हैं. लोजपा संस्थापक स्व रामविलास पासवान के छोटे भाई पारस हाल ही में लोजपा संसदीय दल के नेता बनाये गये हैं.
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Posted By: Avinish Kumar Mishra