बिहार में 2021 में बाढ़ से नुकसान की भरपाई के लिए केंद्र सरकार ने 1038.96 करोड़ की सहायता दी है. वहीं, राज्य सरकार ने बाढ़ से हुए नुकसान की भरपाई के लिए 5291.29 करोड़ की मांग की थी. बिहार को मिली यह सहायता राशि नेशनल डिजास्टर रिलीफ फंड (एनडीआरएफ) से दी गयी है. एनडीआरएफ मद का सीधा अर्थ है कि बिहार को यह सहायता शत-प्रतिशत केंद्रीय सहायता है. कोई पूर्व का बकाया या किसी मद में बकाया राशि के रूप में बिहार को यह राशि नहीं मिली है.
पिछले साल आयी बाढ़ के कारण राज्य के डेढ़ दर्जन जिले प्रभावित हुए थे. केंद्रीय टीम की ओर से बाढ़ प्रभावित इलाकों का भ्रमण के पहले सरकार ने 3763 करोड़ के नुकसान का ज्ञापन दिया था, लेकिन बाढ़ अवधि समाप्त होने पर जब आकलन हुआ तो राज्य सरकार ने 5291.29 करोड़ के नुकसान का हवाला देते हुए संशोधित ज्ञापन सौंपा. इसमें 2000 करोड़ जल संसाधन, आपदा प्रबंधन ने 1200 करोड़, ग्रामीण कार्य विभाग ने 515 करोड़, पथ निर्माण ने 200 करोड़ आदि की मांग की थी.
ज्ञापन सौंपने पर बिहार भ्रमण के दौरान केंद्रीय टीम ने माना था कि बिहार को बाढ़ से भारी नुकसान हुआ है. तब राज्य को उम्मीद जगी थी कि इस बार बिहार को अधिकाधिक राशि मिलेगी, लेकिन हर बार की तरह इस बार भी बिहार को निराशा हाथ लगी.
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प्राकृतिक आपदा आने पर बिहार को मिलने वाली सहायता के मामले में केंद्र सरकार का रवैया शुरू से ही इसी तरह का है. समय-समय पर बाढ़, सूखा, तूफान व ओलावृष्टि होने पर केंद्र सरकार को ज्ञापन सौंपती रही है, लेकिन उस अनुपात में कभी भी केंद्रीय मदद नहीं मिली. 2008 के बाढ़ को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के बावजूद बिहार को मात्र एक हजार करोड़ की ही सहायता मिल सकी थी.अब तक एक भी साल ऐसा नहीं हुआ कि बिहार ने जितनी राशि की मांग की, उतनी मिली हो.
POSTED BY: Thakur Shaktilochan