पटना : राष्ट्रीय खेल दिवस पर कला, संस्कृति एवं युवा विभाग तथा बिहार राज्य खेल प्राधिकरण द्वारा आयोजित समारोह में बिहार के विभिन्न जिलों से जुड़े खिलाड़ियों को संबोधित करते हुए उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा कि पति-पत्नी के 15 साल के राज में खेल कोटे से एक व्यक्ति की भी नियुक्ति नहीं की गयी. जबकि, एनडीए के शासनकाल में 225 खिलाड़ियों को सरकारी नौकरी दी गयी. वहीं आज खेल दिवस के मौके पर लिपिकीय व परिचारी संवर्ग की 306 नियुक्तियों के लिए विज्ञापन प्रकाशित किए गए है. खेल कोटे से अंतिम बहाली एनडीए सरकार के गठन के 20 साल पहले 1985 में हुई थी.
सुशील मोदी ने कहा कि कोरोना संक्रमण की स्थिति समान्य होने पर दिसंबर में समारोह आयोजित कर हर वर्ष की भांति इस साल भी खिलाड़ियों को पुरस्कृत किया जाएगा. पहले जहां खिलाड़ियों को कुल पुरस्कार राशि 30 लाख रुपये बांटी गयी थी, वहीं 2018-19 से उसे बढ़ा कर 3.5 करोड़ वितरित की गयी. इसके साथ ही राज्य के 30 एकलव्य आवासीय प्रशिक्षण विद्यालयों में रहने वाले खिलाड़ियों के प्रतिदिन के भोजन पर किए जाने वाले खर्च की राशि को 100 रुपये से बढ़ा कर 225 रुपये, प्रशिक्षुओं के लिए खेलकूद उपकरणों की खरीद की राशि 2500 से बढ़ा कर 6000 और प्रशिक्षकों के मानदेय को 10 हजार से बढ़ा कर 30 हजार रुपये कर दिया गया है. इससे 600 प्रशिक्षुओं व 30 शिक्षक लाभान्वित हो रहे हैं.
डिप्टी सीएम ने कहा कि इनडोर खेलों को बढ़ावा देने के लिए प्रत्येक जिला मुख्यालयों में 6.61 करोड़ की लागत से बहुमंजिला खेल भवन सह व्यायामशाला का निर्माण कराया जा रहा है. अब तक 26 जिलों में निर्माण की स्वीकृति के बाद 14 जगहों पर निर्माण कार्य शुरू हो चुका है.
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