National Youth Day: बिहार को बेहतर बनाने में जुटी हैं ये युवतियां, जानिए इनकी प्रेरणादायक कहानी

National Youth Day: आज राष्ट्रीय युवा दिवस के दिन हम आपको बिहार के उन चार महिलाओं और युवतियों की कहानी बताने जा रहे हैं जो स्वामी विवेकानंद से प्रेरणा लेकर राज्य को बेहतर बनाने में जुटी हुई हैं. पढ़िए विशेष रिपोर्ट...

By Paritosh Shahi | January 12, 2025 7:04 AM

National Youth Day: ‘किसी की निंदा न करें, अगर आप मदद के लिए हाथ बढ़ा सकते हैं, तो जरूर बढ़ाएं’. स्वामी विवेकानंद का यह विचार आज देश और दुनिया के लाखों युवाओं को प्रेरित कर रहा है. इनसे प्रेरणा लेकर राजधानी पटना की कई महिलाएं और युवतियां रूढ़िवादी सोच को तो बदल ही रहीं हैं, बेहतर समाज निर्माण में भी अपना योगदान दे रही हैं. स्वामी विवेकानंद की राह पर चलकर वे समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर कर दूसरी महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत बन गयी हैं. आज ‘राष्ट्रीय युवा दिवस’ (स्वामी विवेकानंद का जन्मदिन) पर ऐसी ही युवतियों से रूबरू करा रही है जूही स्मिता की रिपोर्ट.

इबराना नाज

महिलाओं के अधिकारों के लिए काम करती हैं इबराना

दरगाह रोड की रहने वाली इबराना नाज पिछले आठ साल से विभिन्न संगठनों के साथ मिलकर सामाजिक कार्य में योगदान देती हैं. वे महिलाओं व बच्चों के अधिकारों पर काम करती हैं. वे कहती हैं भारतीय कानून में महिलाओं को कई अधिकार मिले हैं. इनमें अहम हैं दफ्तर में यौन उत्पीड़न के खिलाफ सुरक्षा का अधिकार, किसी घटना की स्थिति में जीरो एफआइआर दर्ज करने का अधिकार और बराबर वेतन पाने का अधिकार आदि. पर ये सभी बातें महिलाओं को पता ही नहीं है. इसी तरह हम लोग स्लम में रहने वाले बच्चों को उनके अधिकार और कानून को लेकर जागरूक करते हैं, ताकि उन्हें अपना हक मिल सके. वे महिलाओं को भी उनके अधिकारों से अवगत कराते हुए रोजगार से जोड़ने का भी कार्य करती हैं.

स्मिता वर्षा झा

रक्तदान को लेकर लोगों को जागरूक करती हैं स्मिता

महेंद्रू की रहने वाली स्मिता वर्षा झा वर्ष 2017 से खुद रक्तदान करती आ रही हैं. वे कहती हैं, ‘मेरी मां हमेशा से बताती थीं कि जब उनका जन्म हुआ था, तो उनकी मां को ब्लड की जरूरत पड़ी थी. पर ब्लड ढूंढने में काफी लंबा वक्त लगा गया था. तभी से इच्छा जगी कि मुझे भी रक्तदान करना है. ताकि जरूरतमंद परिवार को समय पर मदद मिल सके. इसके लिए मैं हर साल तीन बार रक्तदान करती हूं. रक्तदान करने के साथ-साथ मैं जिलों और राज्यों में जाकर लोगों को रक्तदान करने को लेकर प्रेरित करती हूं और इससे जुड़ी भ्रांतियों को दूर कर लोगों को इसके प्रति अवेयर करती हूं. इस दौरान मैं लोगों को बताती हूं कि रक्तदान करने से शरीर पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता तथा रक्तदान मानव शरीर के लिए फायदेमंद होता है.

मोनालिसा

कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में अवेयर करती हैं मोनालिसा

मूलरूप से जगदेव पथ पटना की रहने वाली मोनालिसा पिछले छह साल से कचरा प्रबंधन पर काम कर रही हैं. इनकी कंपनी मिथिंगा वेस्ट मैनेजमेंट प्रा लि है, जो 2018 में रजिस्टर हुई थी. कॉमर्स ग्रेजुएट मोनालिसा के पैरेंट्स का तो सपना था कि उनकी बेटी सीए/सीएस बने, लेकिन बचपन से ही प्रकृति से असीम लगाव होने की वजह से उन्होंने अपनी अलग ही राह चुनी. मोनालिसा ने पढाई के दौरान ही करीब दो वर्षों तक देहरादून की एक वेस्ट मैनेजमेंट कंपनी के साथ एक इंटर्न के रूप में काम किया और इसी दौरान उन्होंने इसी क्षेत्र में अपना करियर बनाने का निर्णय ले लिया. आज इनकी कंपनी कई नगर निकायों के साथ मिलकर कचरा प्रबंधन पर काम कर रही है. वे हर दिन बिहार में कचरा कम करने और लोगों को इसके प्रति अवेयर करने का काम करती हैं.

देबोप्रिया

10 साल से पर्यावरण संरक्षण पर काम कर रहीं देबोप्रिया

बोरिंग रोड की रहने वाली देबोप्रिया दत्ता पिछले 10 साल से लगातार पर्यावरण संरक्षण में अपना योगदान दे रही हैं. तरुमित्र की कोऑर्डिनेटर होने के साथ-साथ वे यूएन की रिप्रेजेंटेटिव भी हैं, जो पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करती हैं. वे प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के साथ मिलकर भी कार्य कर रही हैं. शहर के स्कूल, कॉलेज और संस्थानों से जुड़ कर पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता और इसके संरक्षण को लेकर कार्यशाला करती हैं और बच्चों को प्रकृति से जोड़ते हुए पौधरोपण करने के लिए प्रेरित करती हैं. विदेश और शहर के कई युवा तरुमित्र में उनके नेतृत्व में इंटर्नशिप कर चुके हैं. उनका मानना है कि आज के समय में पर्यावरण और ग्लोबल वार्मिंग गंभीर मुद्दा है जिसे आने वाली युवा पीढ़ी को समझने के साथ इसे संरक्षित करने की जिम्मेदारी उठानी होगी.

इसे भी पढ़ें: Patna News: बैंक घोटाले में शामिल बैंक के CEO समेत पांच को ED ने किया गिरफ्तार, कई दस्तावेज और पासबुक बरामद

Next Article

Exit mobile version