नवादा की घटना पर भड़के जीतनराम मांझी, बोले- ‘SC की जमीन कब्जा कर रहे OBC के लोग’
Nawada: मांझी ने कहा कि हम इस बात को शुरू से बोलते रहे हैं. जब बिहार विधानसभा के सदस्य थे तब भी विधानसभा में कहा था कि बिहार की पर्चा वाली 70 फीसद जमीन एक जाति विशेष लोगों के कब्जे में है .
Nawada: पटना. जातिगत सर्वे के बाद अब बिहार में जमीन सर्वे सामाजिक और राजनीतिक परिस्थतियों को प्रभावित कर रहा है. जमीन सर्वे के दौरान नवादा के मांझी टोला में दलित बस्ती पर हुए हमले और करीब एक सौ झोपड़ियों को जलाने की घटना के बाद बिहार की सियासत गर्म हो गई है. इस मामले को लेकर पक्ष और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. दलित नेता और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने एक जाति विशेष के लोगों पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
आरोपित सभी एक ही जाति के
गया सांसद और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि नवादा में मुसहर, चमार और दुसाध जाति के लोग वर्षों से एक जगह पर रहे हैं, लेकिन विरोधी जाति के लोग, खासकर यादव जाति के जो लोग हैं, वह जमीन कब्जा करने के लिए कुछ दुसाध जाति के लोगों को अपने साथ मिलाकर उन्हें आगे कर के इस घटना को अंजाम दिया है. पुलिस ने जब इस मामले में एक्शन लिया तो 12 लोग जो पकड़े गए हैं. वह सभी यादव जाति के लोग हैं.
पर्चा वाली 70 फीसद जमीन पर कब्जा एक ही जाति का
उन्होंने कहा कि इससे तो यही साबित हो रहा है कि समूचे बिहार में यादव जाति के लोग अभियान चलाकर एससी जाति के लोगों की जमीनों को चाहे वह उसपर रह रहे हैं या खाली जमीन है, उसको कब्जा कर उन जमीनों पर मकान बनाते हैं या उसे बेच देते हैं इसपर सरकार को ध्यान देने की जरुरत है. मांझी ने कहा कि हम इस बात को शुरू से बोलते रहे हैं. जब बिहार विधानसभा के सदस्य थे तब भी विधानसभा में कहा था कि बिहार की पर्चा वाली 70 फीसद जमीन एक पार्टी विशेष लोगों के कब्जे में है और उन जमीनों पर कब्जा किया जा रहा है उसपर सरकार ध्यान दे.
जीतनराम मांझी के बयान पर लालू यादव का पलटवार
जीतन राम मांझी के इस बयान के बाद बिहार की सियासत गर्म हो गई है. नवादा के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के महादलित टोले में हुई आगजनी मामले में जीतनराम मांझी के बयान पर राजद सुप्रीमो लालू यादव ने कहा कि जीतन राम मांझी भ्रमित कर रहे हैं. हम देखेंगे कौन समाज के लोग थे और ये घटना क्यों हुई है. आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि जीतन राम मांझी केंद्र सरकार में मंत्री हैं. प्रदेश में मुख्यमंत्री रहे हैं. वह इस तरह की भाषा जातीय उन्माद फैलाने वाली ना कहें. यह हाफ पैंट वालों की भाषा बोल रहे हैं. बीजेपी के साथ जाकर ऐसा बोल रहे हैं. अपराधी की कोई जाति या कोई धर्म नहीं होता है. सवाल उठाया कि सरकार क्या कर रही है? कहां है बिहार में कानून का राज?