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बिहार में अफीम के बाद अब बालू के अवैध धंधे से मजबूत हो रहे नक्सली! अरबों के खेल पर कब्जे की तैयारी

बिहार में बालू के अवैध धंधे और ढूलाई का मामला अभी गरमाया हुआ है. सरकार ने इस ओर कड़ाई की है. एक तरफ जहां NGT(नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) के द्वारा जुलाई अगस्त और सितंबर में किसी भी नदी से बालू के खनन पर रोक लगायी गयी है तो वहीं दूसरी ओर नियमों की धज्जियां उड़ाकर बालू खनन और ढूलाइ के मामले भी सामने लगातार आए हैं. जिसके बाद ईओयू की रिपोर्ट के आधार पर कई कर्मियों व अधिकरियों को इस अवैध धंधे में लिप्त पाया गया और उनपर गाज भी गिरी. सोन नदी में अवैध तरीके के बालू खनन का मामला गरमाया हुआ है. इस खनन में नक्सलियों की विशेष रूची बतायी जा रही है.

बिहार में बालू के अवैध धंधे और ढूलाई का मामला अभी गरमाया हुआ है. सरकार ने इस ओर कड़ाई की है. एक तरफ जहां NGT(नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) के द्वारा जुलाई अगस्त और सितंबर में किसी भी नदी से बालू के खनन पर रोक लगायी गयी है तो वहीं दूसरी ओर नियमों की धज्जियां उड़ाकर बालू खनन और ढूलाइ के मामले भी सामने लगातार आए हैं. जिसके बाद ईओयू की रिपोर्ट के आधार पर कई कर्मियों व अधिकरियों को इस अवैध धंधे में लिप्त पाया गया और उनपर गाज भी गिरी. सोन नदी में अवैध तरीके के बालू खनन का मामला गरमाया हुआ है. इस खनन में नक्सलियों की विशेष रूची बतायी जा रही है.

समाचार पत्र हिन्दुस्तान के अनुसार, सोन नदी के बालू को पीला सोना कहते हैं. दरअसल, इसके बालू की क्वालिटी काफी बेहतर है और इसकी डिमांड इतनी अधिक है कि इसे बिहार से बाहर भी सप्लाई किया जाता है. निर्माण कार्य में भी सोन नदी के बालू की मांग सबसे अधिक है. नदी के पाट की चौड़ाई काफी अधिक है जिसके कारण यहां बड़े पैमाने पर खनन होता है. अब यहां अवैध तरीके से खनन का कार्य जोरों पर है. जिसमें नक्सली अपनी दिलचस्पी बढ़ा चुके हैं और अपनी कमर इस अवैध कमाई से मजबूत कर रहे हैं.

समाचार पत्र हिन्दुस्तान के अनुसार, सोन नदी के महंगे और डिमांड में रहने वाले बालू के खनन पर नक्सलियों की नजर पड़ गयी है. यह नदी रोहतास, भोजपुर, औरंगाबाद, अरवल और पटना जिले से होकर गुजरती है.जिसका अधिकांश इलाका नक्सल प्रभावित है. इन इलाकों में अपनी पैठ होने के कारण अभीतक नक्सल अफीम की खेती करते रहे. लेवी वसूलकर भी वो अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत करते रहे हैं. लेकिन अब बालू के अवैध खनन में भी नक्सलियों ने अपना वर्चस्व बनाना शुरू कर दिया है और इस कारोबार में उतर चुके हैं.

खुफिया एजेंसियों को इसका शक भी काफी पहले से हो चुका था, जो अब यकीन में बदलने लगा है. जून महीने में औरंगाबाद के रफीकगंज इलाके में अवैध बालू लदे एक ट्रैक्टर को जब्त किया गया तो यह माओवादी के प्रतिबंधित संगठन के केंद्रीय कमेटी के सदस्य के बेटे का था. बताया जा रहा है कि नक्सली सोन नदी के बालू के अवैध खनन के धंधे में पैसा कमाने के मंशे से उतर चुके हैं. अगर वो यहां अवैध कारोबार के जरिये वर्चस्व बना लेते हैं तो करोड़ो रुपये की उगाही आसानी से की जा सकती है. इसे लेकर खुफिया एजेंसियों ने सरकार को सचेत भी किया है.

POSTED BY: Thakur Shaktilochan

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