गुलशन कश्यप, जमुई : नक्सली पिंटू राणा का पकड़ा जाना पुलिस के लिए यूं ही इतनी बड़ी सफलता नहीं है. पिंटू राणा करीब तीन दशक तक संगठन में शामिल रहा है तथा उसने शीर्ष में रहकर नक्सल संगठन को मजबूत करने में अपनी भागीदारी निभायी है. नक्सली चिराग दा के साथ से लेकर नक्सल संगठन में अपनी जगह बनाने वाले पिंटू राणा ने सिद्धु कोड़ा तथा सुरंग के साथ मिलकर कई घटनाओं को अंजाम दिया है. जिसमें 26 अक्तूबर 2007 को चिलखाकार नरसंहार सबसे वीभत्स माना जाता है.
बताते चलें कि झारखंड बिहार की सीमा पर चिलखारी उर्फ चिलखरियोडीह गांव में तीन दिवसीय फुटबाॅल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था. प्रतियोगिता का फाइनल मुकाबला चकाई प्रखंड के चाइना स्पोर्टिंग क्लब चडरी और गिरिडीह काॅलेज के बीच हुआ, जिसमें टाइब्रेकर में चडरी की टीम विजयी रही.
प्रतियोगिता के समापन के बाद फुटबाॅल प्रतियोगिता आयोजन स्थल पर आदिवासी जतरा कार्यक्रम सोरेन ओपेरा का आयोजन किया गया था. जिसमें आयोजक कमेटी की ओर से कार्यक्रम में विजेता और उपविजेता टीम के खिलाड़ियों और उनके साथ आये समर्थकों के लिए मुफ्त में जतरा देखने के लिए व्यवस्था की गयी थी.
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बोकारो से पचासी सदस्यीय कलाकारों की टीम जिसमें 63 पुरुष और 22 महिला कलाकार शामिल थे, जिनकी ओर से कार्यक्रम की प्रस्तुति की जा रही थी. तभी इस क्षेत्र में सक्रिय नक्सलियों का दस्ता कार्यक्रम स्थल आ धमका था. भाकपा माओवादियों का दस्ता चिलखारी पहुंचा और कार्यक्रम स्थल को अपने कब्जे में लेकर अंधाधुंध फायरिग शुरू कर दी. फायरिंग से गीत संगीत का कार्यक्रम चीख पुकार में तब्दील हो गया और लोगों में भगदड़ मच गयी.
माओवादियों की फायरिंग में कार्यक्रम में अगली पंक्ति में बैठे झाविमो सुप्रीमो व झारखंड के प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के पुत्र अनूप मरांडी समेत समेत बीस लोग मारे गये थे, जिसमें अठारह लोगों की मौत मौके पर हो गयी थी. वहीं एक युवक दिनेश वर्मा की मौत इलाज के लिए गिरिडीह ले जाने के क्रम में रास्ते में हो गयी थी.
इस घटना में गोली लगने से घायल एक अन्य महिला पार्वती बास्के ग्राम लक्षुआडीह की मौत इलाज के दौरान रांची रिम्स में हो गयी थी. वहीं कार्यक्रम स्थल पर मौजूद बाबूलाल मरांडी के भाई नुनुलाल मरांडी बाल-बाल बच गये थे. घटना में बाबूलाल मरांडी के पुत्र अनूप मरांडी, चिलखारी के मुन्ना हेंब्रम, दुम्माटांड़ के मनोज किस्कू, गिरिडीह के छात्र नेता सुरेश हांसदा, सहित गिरिडीह के ही अजय सिन्हा उर्फ पोपट, लक्षुआडीह के चरकु मरांडी, पंदना के सुशील कुमार बेसरा, विजयपुर के दीपक हेंब्रम, बामदह कुंडवा टोला के गंगाराम टुडू, करकाटांड़ के अनिल अब्राहम मरांडी, एकदुआरी के उसमान अंसारी, बदवारा के रशिक बासके, सहित अनूप मुर्मू, दिलखुश सिंह, दिनेश किस्कु, केदार हेंब्रम आदि सहित झारखंड बिहार के कुल बीस लोग मारे गये थे.
Posted By: Thakur Shaktilochan