पटना : बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर शुक्रवार को मुख्य निर्वाचन आयुक्त के साथ हुई बैठक में राज्य के प्राय: सभी राजनीतिक दलों ने अपनी राय रखी. एनडीए की ओर से जहां चुनाव आयोग को चुनाव कंपेन को लेकर एक एसओपी तैयार करने का सुझाव दिया गया. वहीं, राजद ने आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हुए जनता के बीच जाने देने की अपील की. राजद अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि बड़े-बड़े स्क्रीन लगाकर प्रचार करने वाले खरबपति लोग हैं.
यह भी हुए शामिल : कांग्रेस की ओर से ब्रजेश प्रसाद मुन्नन, बसपा से भरत बिंद, राज कुमार राम, लोजपा से डाॅ शाहनवाज अहमद कैफी, रालोसपा से संजीव कुमार व निर्मल कुशवाहा, एनसीपी से नवल किशोर शाही, चंद्रशेखर सिंह, सीपीआइ से विजय नारायण मिश्र, सीपीआइ (एम) से सत्येंद्र शर्मा, गणेश शंकर मिश्र, नेशनल पीपुल्स पार्टी से अनुजीत कुमार सिंह उपस्थित थे. ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस की ओर से कोई प्रतिनिधि नहीं आया.
एनडीए की ओर से दिये गये सुझाव में जदयू सांसद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने बताया कि इवीएम मतदान का सबसे सुरक्षित तरीका है. आयोग ने चुनाव में प्रचार-प्रसार के दौरान सामाजिक दूरी को लेकर सुझाव मांगा था. एनडीए का सुझाव है कि खुद भारत निर्वाचन आयोग एक मानक संचालन नियमावली तैयार करे. इसके आधार पर राजनीतिक दलों द्वारा विधानसभा चुनाव में प्रसार -प्रसार किया जायेगा. उन्होंने बताया कि आयोग चुनावी बोझ को कम करने के लिए एक फेज में चुनाव करावे. डिजिटल प्लेटफाॅर्म को लेकर खुद आयोग एसओपी तैयार करे
राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने विपक्षी दलों की मांग की जानकारी देते हुए बताया कि चुनाव कितने फेज पर हो यह तो आयोग तय करे. विपक्षी दलों की आपत्ति चुनाव के प्रचार के तरीके को लेकर है. उन्होंने कहा कि षड्यंत्रकारियों का विचार है कि चुनाव प्रचार न हो. केवल एक-दो सत्ताधारी दल को छोड़कर किसी की राय नहीं है कि चुनाव प्रचार नहीं किया जाये. आयोग कहीं न कहीं अपनी विश्वसनीयता खोता चला जा रहा है. अगर आयोग ने राजनीतिक दलों को जनता के बीच जाने से रोका तो देश का लोकतंत्र खतरे में हैं. इसको लेकर विपक्ष का सख्त एतराज है.