Bihar Flood: बिहार में कोसी एवं गंडक सहित 13 नदियां उफान पर हैं. जिस वजह से उत्तर बिहार के 20 जिलों में बाढ़ से तबाही का खतरा बढ़ गया है. नेपाल में भारी बारिश के कारण रविवार को सुबह पांच बजे कोसी बराज, वीरपुर से 6,61,295 क्यूसेक जलस्राव हुआ है. यह 1968 के बाद सर्वाधिक है. नदियों के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए आपदा प्रबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने रविवार को संबंधित जिलाधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक की. इसके साथ ही आपदा प्रबंधन विभाग ने आपदा की स्थिति में लोगों की सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया है.
NDRF-SDRF की 16 टीमें तैनात
अपर मुख्य सचिव ने इस बैठक में बाढ़ से निपटने के लिए जरूरी दिशा निर्देश दिये. खासतौर पर जिलाधिकारियों को बाढ़ प्रभावित जिलों में आवश्यकतानुसार राहत शिविर, सामुदायिक रसोई व चिकित्सा शिविर की सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं. बाढ़ से निबटने के लिए एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की 16 टीमें लगी हैं.
अलर्ट मोड में रहने का निर्देश
वर्चुअल मीटिंग के दौरान अपर मुख्य सचिव प्रत्यय ने एसडीआरएफ/एनडीआरएफ के जिले में प्रतिनियुक्त टीम कमांडर व विभाग के अन्य अधिकारियों से कहा कि उत्तर बिहार में नदियों के बढ़ते जलस्तर के कारण बाढ़ की आशंका उत्पन्न हो गयी है. इसलिए अलर्ट मोड में रहें. उन्होंने कहा कि प्रभावित जिलों में सतत निगरानी रखी जाये.
किस जिलें में कितनी टीमें तैनात
अपर मुख्य सचिव ने बताया कि सुपौल में चार, मुजफ्फरपुर में दो, पूर्वी चंपारण में एक, पश्चिमी चंपारण में दो, गोपालगंज में दो, छपरा में दो, सहरसा में 3 एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीम भेजी गई है. उपरोक्त बैठक में अपर मुख्य सचिव, संयुक्त सचिव, आपदा मोचन बल के कमांडेंट व विभाग के अन्य वरीय पदाधिकारी उपस्थित रहे.
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हेल्पलाइन नंबर जारी
आपदा के प्रभाव को कम-से-कम करने के लिए आपदा प्रबंधन विभाग पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. किसी भी आपदा स्थिति में आपदा प्रबंधन के हेल्पलाइन नंबर 0612-2294204 व टोल फ्री नंबर 1070 पर तत्काल संपर्क करें.
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