अनुग्रह नारायण सिंह समाज अध्ययन संस्थान में आयोजित कार्यशाला का समापन संवाददाता, पटना राज्य में शिक्षा के अधिकार को बेहतर तरीके से लागू करने की जरूरत बताते हुए बुद्धिजीवियों ने रविवार को अनुग्रह नारायण सिंह समाज अध्ययन संस्थान, पटना में अपनी-अपनी राय रखी. दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यशाला के समापन अवसर पर शिक्षा के अधिकार से वंचित वर्गों के बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में पढ़ाने के लिए हर बेहतर कदम उठाना बुद्धिजीवियों ने जरूरी बताया. इस दौरान शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव डॉ एस सिद्धार्थ ने शिक्षा के अधिकार अधिनियम के बारे में कहा कि इसे चार मुख्य पहलुओं के आधार पर विश्लेषित किया जा सकता है. इसे लागू करने की चुनौतियां, फीस नार्मलाइजेशन, फीस के अतिरिक्त अन्य खर्च (जैसे- कंप्यूटर, लैब, डेवलपमेंट चार्ज आदि) सहित विद्यालय में बच्चों के बीच विभेद शामिल हैं. इन सभी विषयों को बेहतर तरीके से लागू करने के संबंध में उन्होंने सुझाव भी मांगे. इस परिचर्चा में काउंसिल ऑफ सोशल डेवलपमेंट, नयी दिल्ली प्रो जेबीजी तिलक, सोशल इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन प्लानिंग एंड एडमिनिस्ट्रेशन, नयी दिल्ली के प्रो सुधांशु भूषण, आइआइटी कानपुर के प्रो संदीप पांडेय और अनुग्रह नारायण सिंह समाज अध्ययन संस्थान, पटना के निवर्तमान निदेशक प्रो डीएम दिवाकर, प्राथमिक शिक्षा निदेशक पंकज कुमार, नयी दिल्ली से मित्र रंजन, प्रो वसी अहमद, डॉ मीरा दत्ता , रंजीत पंडित, फादर जोश, प्रो गोपाल कृष्णा, प्रो मनीषा प्रियम व प्रो एसएसपी यादव सहित अन्य ने अपने विचार साझा किये. कार्यक्रम का संयोजन, संचालन एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ विद्यार्थी विकास, असिस्टेंट प्रोफेसर, अर्थशास्त्र ने किया.
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