बिहार के मेडिकल कॉलेजों में एडमिशन की हलचल शुरू, आधा से अधिक सीटों पर लड़कियों का रहेगा कब्जा
एमबीबीएस और बीडीएस कॉलेजों में एडमिशन के लिए अब काउंसेलिंग प्रक्रिया शुरू होगी. पिछले साल के अनुसार ही इस बार कटऑफ रहेगा. बिहार में ओपनिंग रैंक 715 अंक से होना है.
एमबीबीएस और बीडीएस कॉलेजों में एडमिशन के लिए जल्द ही काउंसेलिंग प्रक्रिया शुरू की जायेगी. नीट यूजी- 2021 का रिजल्ट जारी कर दिया गया है. सफल स्टूडेंट्स नेशनल कोटा व स्टेट कोटा दोनों पर अपनी दावेदारी प्रस्तुत करेंगे.
दाखिले में आरक्षण का प्रावधान
बिहार के मेडिकल व इंजीनियरिंग कॉलेजों में 33% सीटें लड़कियों के लिए आरक्षित रहेंगी. यह नियम 2021 से ही लागू हो जायेगा. स्टेट कोटे के तहत बिहार में एमबीबीएस की 1070 सीटें हैं. इसमें से अब 33% सीटें लड़कियों के लिए आरक्षित रहेगा. अब 1070 सीटों में से करीब-करीब 353 सीटें लड़कियों के लिए आरक्षित हो गयी हैं. जैसे पटना मेडिकल कॉलेज में स्टेट कोटे के तहत 165 सीटें हैं. इसमें से अब करीब 54 सीटों पर लड़कियों का एडमिशन होता है. 2020 सत्र में बिहार के सभी मेडिकल कॉलेजों में 40% सीटों पर लड़कियों का एडमिशन हुआ था.
2020 में 40 प्रतिशत छात्राओं का हुआ था एडमिशन :
नीट 2020 में बिहार संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा बोर्ड (बीसीइसीइबी) की ओर से बिहार स्टेट मेधा सूची के अनुसार टॉप के 1000 स्टूडेंट्स में 612 छात्र तथा 388 छात्राएं शामिल थीं. मेधा सूची में छात्राओं की भागीदारी 39% रही. यह प्रतिशत इसलिए भी महत्वपूर्ण है कि मेधा सूची के प्रथम एक हजार रैंक में 388 छात्राएं शामिल थीं. वहीं, एडमिशन में करीब छात्राओं की भागीदारी 40% रही.
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लड़कों के लिए मेडिकल का कंपीटीशन होगा मुश्किल :
मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट में बिहार से 60% से अधिक परीक्षार्थी लड़के होते हैं और मेडिकल कॉलेज में 60% के लगभग लड़कों को एडमिशन प्राप्त होता है. इस रिजर्वेशन पॉलिसी के लागू होने के बाद मेडिकल कॉलेजों में लड़कियों का एडमिशन जहां पहले 40% के आस-पास होता था, वहीं अब 77% या उससे अधिक होगा. ऐसे में लड़कों के लिए सिर्फ 23% या उससे कम सीटों पर ही एडमिशन की संभावना होगी. ऐसे में छात्रों के लिए यह प्रतियोगिता काफी कठिन हो जायेगी.
Published By: Thakur Shaktilochan