नीट पेपर लीक : छह की रिमांड और 20 की न्यायिक हिरासत अवधि बढ़ी

नीट यूजी पेपर लीक मामले में पटना की एक विशेष अदालत ने 20 अभियुक्तों की न्यायिक हिरासत की अवधि पांच अगस्त तक बढ़ा दी, जबकि एक छात्रा समेत छह अभियुक्तों की रिमांड अवधि चार दिनों के लिए बढ़ाने का आदेश दिया.

By Prabhat Khabar News Desk | July 23, 2024 1:38 AM

न्यायालय संवाददाता, पटना: नीट यूजी पेपर लीक मामले में पटना की एक विशेष अदालत ने जहां एक ओर जेल में बंद 20 अभियुक्तों की न्यायिक हिरासत की अवधि पांच अगस्त तक बढ़ा दी, वहीं दूसरी ओर एक छात्रा समेत छह अभियुक्तों की रिमांड अवधि चार दिनों के लिए बढ़ाये जाने का आदेश दिया. सीबीआइ ने पूछताछ के बाद सोमवार को इस मामले में गिरफ्तार की गयी रिम्स मेडिकल की छात्रा सुरभि कुमारी के साथ चार अन्य मेडिकल छात्र चंदन कुमार, कुमार सानू, राहुल आनंद और करण जैन और एक बिचौलिये सुरेंद्र शर्मा को विशेष प्रभारी न्यायिक दंडाधिकारी धनंजय पांडेय के समक्ष पेश किया. इन छह अभियुक्तों को पेश करने के साथ ही सीबीआइ ने एक आवेदन दाखिल कर पूछताछ के लिए इन अभियुक्तों की पुलिस रिमांड की अवधि बढ़ाये जाने की अपील की है. इसे स्वीकार करते हुए अदालत ने इन छह अभियुक्तों को आगे चार दिनों के लिए सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया. दूसरी ओर इस मामले में जेल में बंद 20 अभियुक्तों की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अदालत में पेशी करायी गयी. अदालत ने इन सभी अभियुक्तों की न्यायिक हिरासत अवधि पांच अगस्त तक के लिए बढ़ा दी.

थाना से इओयू और फिर बाद में सीबीआइ ने लिया था केस :

गौरतलब है कि पांच मई को हुए नीट यूजी के दौरान गड़बड़ी के आरोप में पटना के शास्त्री नगर थाना प्रभारी ने कुछ लोगों को गिरफ्तार किया और शास्त्री नगर थाना कांड संख्या 358/ 2024 के रूप में प्राथमिकी दर्ज की. बाद में मामला इओयू को सौंप दिया गया. उसके बाद पेपर लीक होने का मामला उजागर हुआ और केंद्र ने मामले की जांच सीबीआइ को सौंप दी.

रिमांड पर लिया गया छात्र बेहोश :

नीट यूजी पेपर लीक मामले में गिरफ्तार एम्स पटना के थर्ड इयर के एक छात्र की हालत खराब हो गयी, जिसके बाद उसे आनन-फानन में राजवंशी नगर स्थित एलएनजेपी हड्डी अस्पताल लाया गया. उसका नाम राहुल आनंद है. निदेशक डॉ एनएन राय की देखरेख में उसका इलाज किया गया. डॉक्टरों के मुताबिक वह बार-बार बेहोश हो जा रहा था अैार उसे घबराहट व बेचैनी थी. हालांकि, करीब एक घंटा भर्ती के बाद उसे डिस्चार्ज कर दिया गया. बताया जा रहा है कि उसका बीपी बढ़ने के साथ ही बेचैनी भी थी. मालूम हो कि सीबीआइ ने पटना एम्स के चार छात्रों को गिरफ्तार किया है.

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