NEET Paper Leak: पटना. नीट पेपर लीक मामले की जांच कर रही सीबीआई को बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने सारे सबूत और दस्तावेज सौंप दिये हैं. सीबीआई अब उन दस्तावेजों की पड़ताल कर रही है. सीबीआई की टीम ईओयू से मिले सभी साक्ष्य को एकत्र करने में जुटी है. ईओयू के एक अधिकारी ने बताया कि जांच के दौरान ईओयू ने अब तक जो साक्ष्य एकत्र किए हैं, वो सब सीबीआई को सौंप दिये गये हैं. उनमें पटना के एक घर से बरामद हुए जले हुए प्रश्नपत्र के टुकड़े, गिरफ्तार किए गए लोगों के मोबाइल फोन, सिम कार्ड, लैपटॉप, पोस्ट-डेटेड चेक और राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा उपलब्ध कराए गए संदर्भ प्रश्नपत्र शामिल हैं.
पूछताछ के लिए सीबीआई ये कर सकती है काम
उन्होंने यह भी बताया कि गिरफ्तार किए गए सभी लोग पटना में न्यायिक हिरासत में हैं. सीबीआई की टीम अदालत से ट्रांजिट रिमांड हासिल करके विस्तृत पूछताछ के लिए उन्हें दिल्ली ले जा सकती है. ईओयू अधिकारी ने यह भी बताया कि सीबीआई सबूतों को नष्ट करने को लेकर इस मामले में कई एफआईआर दर्ज कर सकती है. इतना ही नहीं, उन आरोपियों के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति (डीए) के मामले भी दर्ज कर सकती है, जो सरकारी कर्मचारी हैं. अधिकारी ने आगे कहा कि गिरफ्तार आरोपी सिकंदर प्रसाद यादवेंदु, दानापुर नगर परिषद में जूनियर इंजीनियर है, उसके खिलाफ आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया जा सकता है. उसने कथित तौर पर अपनी आय के अधिक संपत्ति अर्जित की है.
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सिकंदर प्रसाद का रहा है पुराना आपराधिक इतिहास
उन्होंने कहा कि मूल रूप से समस्तीपुर का रहने वाला यादवेंदु इस मामले में मुख्य आरोपी है. अधिकारी ने यह बताया कि यादवेंदु का आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने का इतिहास रहा है. 2012 में जूनियर इंजीनियर बनने से पहले वह रांची में ठेकेदार के तौर पर काम करता था. वह पहले 3 करोड़ रुपये के एलईडी घोटाले में फंसा था. उस मामले में अपनी भूमिका के लिए वह जेल की सजा काट चुका है. अब तक नीट पेपर लीक मामले की जांच ईओयू कर रही थी, जिसने इस केस के सिलसिले में कुल 18 लोगों को गिरफ्तार किया है. सीबीआई ने रविवार को शिक्षा मंत्रालय के रेफरेंस पर नीट-यूजी में कथित अनियमितताओं के संबंध में प्राथमिकी दर्ज की थी.