संवाददाता, फतुहा/पटना : फतुहा में नेपाली नागरिकों के एक बड़े गिरोह का पटना पुलिस ने भंडाफोड़ किया है. छापेमारी के दौरान दो लाख 38 हजार 397 कैश (भारतीय नोट), 72,595 नेपाली करेंसी, 21 मोबाइल फोन और दो चारपहिया वाहन बरामद किये गये हैं. ग्रामीण एसपी विश्वजीत दयाल ने बताया कि लखनऊ मिलिट्री इंटेलिजेंस टीम की सूचना पर बिहार पुलिस ने कार्रवाई की है. पुलिस ने इस मामले में कई लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरोह के सदस्य जॉब लगाने और करोड़पति बनाने के नाम पर ठगी करते थे. नेपाली नागरिकों के इस गिरोह के कई लोगों के पास से नेपाली नागरिकता के साथ-साथ भारतीय नागरिकता के पहचान पत्र भी मिले हैं. इसके अलावा फर्जी आधार कार्ड, वोटर आइडी और ड्राइविंग लाइसेंस भी मिले हैं. ग्रामीण एसपी ने बताया कि मिलिट्री एजेंसी लखनऊ को गुप्त सूचना मिली थी कि नेपाली नागरिकों का एक बड़ा समूह पटना के फतुहा थाना क्षेत्र के सोनारू स्थित फर्जी फैशन प्रीमियर कंपनी चला रहा है. इसके जरिये वे कई सारे संदिग्ध गतिविधि भी कर रहे हैं. मिलिट्री एजेंसी ने पटना पुलिस से मदद मांगी, जिसके बाद यह कार्रवाई की गयी है. फिलहाल इस पूरे मामले की जांच पटना पुलिस के अलावा मिलिट्री एजेंसी लखनऊ की टीम भी कर रही है. किस मकसद से और क्यों इतनी बड़ी संख्या में नेपाली नागरिकों को यहां बुलाया जा रहा था. नेपाली नागरिकों का फर्जी भारतीय प्रमाण पत्र क्यों बनवाया गया, इसकी जांच की जा रही है़ यही नहीं, जब्त मोबाइल से भी पुलिस साक्ष्य जुटाने में जुटी है.
नेपाल आर्मी और पुलिस के रिटायर्ड जवान शामिल
पुलिस जांच में सामने आया है कि इस गिरोह में नेपाल आर्मी, नेपाल पुलिस से रिटायर्ड जवान व बिहार के कई लोग शामिल थे. इनमें शिक्षक, छात्र और कंपनी के कर्मचारी शामिल हैं. कंपनी का संचालक गंगेश्वर सिंह फिलहाल फरार है. मिलिट्री इंटेलिजेंस को शक है कि इनमें से कुछ लोग जासूसी में भी लिप्त हो सकते हैं.घर से दो-दो लाख रुपये मंगाओ, तभी जा सकोगे
पीड़ित अशोक सुनवार और कपेंद्र सुनवार ने बताया कि हमें नौकरी का लालच देकर नेपाल से फतुहा बुलाया. यहां कुछ दिनों तक ऐसे दिखाया कि तुम्हें नौकरी मिल जायेगी. कई सारे दस्तावेज रख लिये. कहा कि अब तुम घर से दो-दो लाख रुपये मंगवाओ और जान-पहचान के कम-से-कम तीन लोगों को बुलाओ, तभी तुम जा सकोगे. अशोक सोनवार ने बताया कि क्यूआर कोड पर डेढ़ लाख नेपाली रुपये मंगवाये. कपेंद्र से भी 60 हजार नेपाली रुपसे मंगवाये गये. मेरे पास पहले से 31 हजार रुपये थे, उन्हें भी ले लिया.फेसबुक पर ऑफर देकर बुलाया
फर्जी फैशन कंपनी में पढ़ रहे एक नेपाली छात्र ने बताया कि उसे फेसबुक के माध्यम से फैशन कंपनी में नौकरी का आकर्षक ऑफर दिया गया था. कहा गया कि यहां पर ट्रेनिंग देने के बाद तुम्हें एक अच्छी सैलरी पर नौकरी मिल जायेगी. जब यहां पहुंचे, तो फॉर्म भरवा कर सारे मूल दस्तावेज रख लिये. मोबाइल जब्त कर लिया. इसके बाद 10 हजार नेपाली रुपये लेकर मुझे हॉस्टल में रख दिया. बताया गया कि जो भी नेपाल से छात्र आते थे, उसे पहले सात दिनों की ट्रेनिंग दी जाती थी.इसके बाद पैसे मांगे जा रहे थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है