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नेपाल में भूस्खलन की चपेट में आयीं दो बसें, सात भारतीयों समेत 65 लापता…

नेपाल की राजधानी काठमांडू के लिए जा रही एंजल डीलक्स कंपनी की बस व काठमांडू से गौर (बैरगनिया का सीमावर्ती शहर) जा रही गणपति डीलक्स बस मुग्लिंग सड़क मार्ग के सिमलताल में पहाड़ से हुए तेज भूस्खलन की चपेट में आ गयीं. इसके बाद से बस और उसमें सवार यात्रियों का कोई अता-पता नहीं है.

नेपाल के चितवन जिले के नारायणघाट-मुग्लिंग मार्ग पर भरतपुर महानगरपालिका के वार्ड नंबर 29 के सिमलताल में शुक्रवार को सुबह 3 बजकर 30 मिनट पर भूस्खलन की चपेट में आकर दो यात्री बसें त्रिशूली नदी में बह गयीं. दोनों बस में लगभग 65 यात्री सवार थे.

चितवन के जिलाधिकारी इंद्रदेव यादव ने पत्रकारों को बताया कि वीरगंज (रक्सौल का सीमावर्ती शहर) से नेपाल की राजधानी काठमांडू के लिए जा रही एंजल डीलक्स कंपनी की बस व काठमांडू से गौर (बैरगनिया का सीमावर्ती शहर) जा रही गणपति डीलक्स बस मुग्लिंग सड़क मार्ग के सिमलताल में पहाड़ से हुए तेज भूस्खलन की चपेट में आ गयीं. इसके बाद से बस और उसमें सवार यात्रियों का कोई अता-पता नहीं है. बस सहित पानी में लापता यात्रियों की खोज के लिए राहत और बचाव का काम 16 घंटे से अधिक समय से चल रहा है, लेकिन अभी तक कुछ भी पता नहीं चल सका है.


डीएम ने बताया कि वीरगंज से काठमांडू जा रही बस में कुल 24 यात्री सवार थे. इसमें सात भारतीय नागरिक हैं.  काठमांडू से गौर जा रही बस में 41 यात्री सवार थे.  गणपति डीलक्स बस में सवार तीन यात्री बस की खिड़की से छलांग लगाकर कूद गये. इससे उनकी जान बच गयी. बस से कूदने वाले तीन यात्री में एक को अस्पताल से इलाज के बाद छुट्टी दे दी गयी है. दो का इलाज चल रहा है.


इधर, राहत और बचाव में नेपाल पुलिस, नेपाल सशस्त्र पुलिस बल, नेपाली सेना की टीम बस और लापता यात्रियों की खोज में जुटी है.  भारी बारिश, त्रिशूली नदी का उच्च जलस्तर और तेज बहाव राहत तथा बचाव के कार्य में बाधा बन रहे हैं. नेपाल प्रशासन के वरीय अधिकारी घटनास्थल पर कैंप कर रहे हैं. बागमती प्रदेश के डीआइजी विष्णु केसी ने बताया कि चुंबक की मदद से बस की तलाश की जा रही है. यात्रियों के संबंध में एक सूची मिली है, जिसके आधार पर लापता यात्रियों की पहचान की कोशिश की जा रही है. जिनके परिवार के सदस्य इस बस में सवार थे, उनके अभिभावक भी पहुंच रहे हैं. नेपाल पुलिस सभी को आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराते हुए राहत और बचाव के कार्य में जुटी है.

18 घंटे की तलाश में नहीं मिला कुछ भी
नेपाल पुलिस, नेपाल सशस्त्र पुलिस और नेपाली सेना की गोताखोर टीम ने 18 घंटे से अधिक समय तक त्रिशूली नदी में बस और यात्रियों की तलाश की. उसका कुछ पता नहीं चल सका है. भूस्खलन से प्रभावित स्थान पर बस और कांच के टुकड़े पाए गए हैं. त्रिशूली नदी में इन दिनो पानी का बहाव भी काफी तेज है. ऐसे में गोताखोरों और अन्य सुरक्षाकर्मियों को तलाश में काफी परेशानी उठानी पड़ रही है. चितवन के डीएम इंद्रदेव यादव ने बताया कि तलाशी के दौरान त्रिशूली की सतह पर एक हुक फंस गया, लेकिन पानी गंदा होने के कारण यह स्पष्ट नहीं हो सका कि यह बस का हिस्सा था या अन्य किसी चीज का. पूरे दिन खोजी अभियान के बाद भी जब बस और यात्रियों के बारे में कुछ पता नहीं चल सका, तो सुरक्षाकर्मी अब समीक्षा और नए समाधान की तलाश में हैं. घटनास्थल पर तीनों सुरक्षा एजेंसियों के 200 से अधिक सुरक्षा बल के जवान तैनात हैं.

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