बिहार की नदियों पर 4 नए बराज बनेंगे, सुपौल-सीतामढ़ी समेत किन जिलों में बनाने की है तैयारी? जानिए…

Bihar News: बिहार की नदियों पर 4 नए बराज बनाए जाएंगे. सुपौल और सीतामढ़ी समेत जानिए किन जिलों में ये बराज बनाने की तैयारी चल रही है.

By ThakurShaktilochan Sandilya | August 31, 2024 8:35 AM

Bihar News: नेपाल में बारिश से बिहार में बाढ़ के प्रभाव को कम करने के लिए राज्य सरकार गंडक, कोसी, बागमती और मसान नदियों पर अलग-अलग चार बराज बनायेगी. इसकी जानकारी देते हुए बिहार सरकार के मंत्री ने कहा कि इसकी तैयारी शुरू हो चुकी है. गंडक नदी में बराज पूर्वी चंपारण के अरेराज में बनेगा. कोसी में सुपौल के डगमारा, बागमती में सीतामढ़ी जिला के ढेंग और महानंदा नदी में मसान में बराज बनेगा. बाढ़ की समस्या का असली समाधान नेपाल में हाइलेवल डैम बनाकर होगा. केंद्र को प्रस्ताव भेजा गया है.

नया डीपीआर बन रहा, बोले मंत्री

बिहार के जल संसाधन मंत्री विजय कुमार चौधरी ने यह जानकारी देते हुए कहा कि इस संबंध में नया डीपीआर बन रहा है. राज्य 73 फीसदी इलाका बाढ़ प्रवण है.शुक्रवार को सूचना भवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन के दौरान मंत्री ने तमाम बातें कहीं. उन्होंने कहा कि शुक्रवार को रिहंद से पानी छोड़े जाने से सोन नदी में जलस्तर बढ़ा हुआ है. मंत्री विजय कुमार चौधरी ने केंद्र सरकार का आभार जताते हुये बताया कि हाल के बजट में केंद्र सरकार ने बाढ़ का प्रभाव कम करने और सिंचाई प्रबंधन के लिए 11 हजार 500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है.

4400 करोड़ रुपये का डीपीआर बन रहा

मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बताया कि इस संबंध में वर्ल्ड बैंक की सहायता से 4400 करोड़ रुपये का डीपीआर बन रहा है. यह मार्च 2025 तक पूरा हो जायेगा. मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि हाइ लेवल डैम बनाने के सर्वे के लिए 2004 में विराटनगर में ज्वाइंट प्रोजेक्ट ऑफिस खोला गया था, लेकिन सर्वे को लेकर नेपाल में विरोध हुआ. पहले भी इसे लेकर डीपीआर बना था. अब बिहार सरकार ने फिलहाल चार जगह बराज बनाने का निर्णय लिया है, यहां पहले से गंडक पर वाल्मीकिनगर और कोसी पर वीरपुर में बराज हैं.

ALSO READ: बिहार के नए मुख्य सचिव का नाम लगभग तय, 1989 बैच के इस IAS अधिकारी को जानिए…

बिहार के नदियों की स्थिति खराब: राष्ट्रीय गाद प्रबंधन नीति जरूरी

जल संसाधन मंत्री ने कहा कि गंगा सहित बिहार के नदियों में गाद भरने से उनकी स्थिति खराब है. इसके समाधान के लिए राष्ट्रीय गाद प्रबंधन नीति जरूरी है. इस दिशा में केंद्र सरकार भी पहल कर रही है. बक्सर के चौसा से फरक्का तक करीब 445 किमी में गंगा नदी का दो बार निरीक्षण हो चुका है.

पुल गिरने की घटना से सरकार चिंतित

मंत्री विजय चौधरी ने कहा कि हाल के दिनों में पुल गिरने को लेकर सरकार चिंतित है. हालांकि इसमें जल संसाधन विभाग के नहीं गिरे थे. राज्य में नहरों पर 14 हजार 604 पुल-पुलिया हैं. इनमें से जल संसाधन विभाग का 11 हजार 244 और अन्य विभागों के 3360 पुल-पुलिया हैं. पुल-पुलियों की बेहतरी के लिए एसओपी बनाकर मानक तैयार किया गया है और अभियंताओं की जिम्मेदारी तय की गई है. अब सबसे पहले गाद को हटाने के बाद ही पुल का पीलर बनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि नदी के गाद के ऊपर से ही कई जगहों पर पीलर बना दिया गया था, वह भी पुल गिरने का एक कारण हुआ था.

हर खेत को सिंचाई का पानी की तैयारी

मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि सात निश्चय-2 में हर खेत को सिंचाई का पानी योजना पर काम हो रहा है. जल संसाधन विभाग इसका नोडल है और विभाग की इस काम में उपलब्धि करीब 97 फीसदी है. उन्होंने बताया कि बरसात में आनी की अधिकता पहले की अपेक्षा घटी है.

नदी जोड़ योजना के बारे में बोले मंत्री

राज्य में नदी जोड़ योजना के बारे में जल संसाधन मंत्री ने कहा कि बिहार इसमें सबसे आगे है. नेशनल वाटर डवलपमेंट अथॉरिटी को आठ-नौ योजनाओं का प्रस्ताव भेजा गया है. इसमें कोसी-मेची की अच्छी प्रगति है. अन्य योजनाओं में बागमती-बूढ़ी गंडक-शांतिधार, गंडक-छाड़ी-गंगा, शिवहर जिला के पिपराही प्रखंड में बागमती-बूढ़ी गंडक शामिल हैं. इसके लिए केंद्र सरकार ने बजट में प्रावधान किया है.

Next Article

Exit mobile version