New Criminal Law: बिना गिरफ्तारी भी अब चार्जशीट करेगी पुलिस, जुलाई से लागू होगा नया कानून
New Criminal Law: नये आपराधिक कानून में कोर्ट के फैसले के 7 दिनों के अंदर आदेश को ई-कोर्ट वेबसाइट पर अपलोड करना अनिवार्य है. यह जनोपयोगी वेबसाइट बनायी गई है, ताकि अभियुक्त या सामान्य व्यक्ति संबंधित फैसले की जानकारी प्राप्त कर सकें.
New Criminal Law: पटना. बिहार सहित पूरे देश में एक जुलाई से लागू होने जा रहे तीन नए आपराधिक कानून के तहत बिना आरोपित को गिरफ्तारी किए भी अब पुलिस कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल कर सकेगी. अब तक के आपराधिक कानून के तहत आरोपित को गिरफ्तार कर पुलिस को सक्षम कोर्ट में पेश करना पड़ता है. इसके लिए फरार आरोपित को गिरफ्तार करने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ती है. हालांकि, बिहार पुलिस मैनुअल, 1978 में बिना मतलब के किसी की गिरफ्तारी नहीं करने और गिरफ्तारी किए जाने तक किसी मामले को लंबित नहीं रखने का उल्लेख है.
आरोप पत्र दाखिल करने के लिए गिरफ्तारी जरूरी नहीं
ज्ञान भवन में पुलिस कर्मियों के प्रशिक्षण के दौरान डीजीपी आरएस भट्टी ने कहा कि मौजूदा सीआरपीसी में इसको लेकर कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं है कि आरोप पत्र दाखिल करने के पहले गिरफ्तारी हो या बाद में हो. इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट ने कई मामलों में स्पष्ट कहा है कि आरोपित की गिरफ्तारी को लेकर आरोप पत्र दाखिल करने से मजिस्ट्रेट रोक नहीं सकते हैं. विशेष तौर पर सत्येंद्र कुमार अंटिल बनाम सीबीआई केस में स्पष्ट कहा गया है कि आरोपित को गिरफ्तार नहीं होने के आधार पर आरोप पत्र लेने से मजिस्ट्रेट इनकार नहीं कर सकते हैं. इसे ही नये कानून में शामिल किया गया है.
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60 दिनों में आरोप गठन करना होगा
सक्षम न्यायालय में पहली सुनवाई से 60 दिनों के अंदर मजिस्ट्रेट की ओर से आरोप गठन करना होगा. नये प्रावधान के अनुसार शिकायती केस (कंप्लेन केस) सीधे कोर्ट में दाखिल किए जाने के मामले में कोर्ट उस पर तुरंत संज्ञान ले लेता था. लेकिन, अब सक्षम न्यायालय को कंप्लेन केस को संज्ञान में लेने के पहले आरोपित का पक्ष सुनना पड़ेगा. इसके लिए कोर्ट आरोपित को बुला सकता है.